सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : राज्य सरकार अब सब्सिडी और सेवाओं के खर्च पर कटौती करने जा रही है, तो पूंजीगत व्यय (मशीनरी, भवन, स्वास्थ्य व शिक्षा सुविधाओं) पर खर्च बढ़ाएगी। केंद्रीय बजट के बाद अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस पर काम करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रियों और अफसरों से कहा है कि खर्चों में कटौती एवं आय बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी बजट की तुलना करते हुए भविष्य के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। सभी विभागों की बैठक कर योजनाओं के क्रियान्वयन एवं बजट के प्रावधान पर समीक्षा की जाएगी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पूंजीगत व्यय को बढ़ाने और राजस्व व्यय को कम करने की दिशा में काम करना होगा। इसके लिए सभी मंत्री अपने विभागों की समीक्षा करें। मंत्रियों और अफसरों के साथ चर्चा में योजनाओं को निरंतर रखने और आय बढ़ाने पर विचार किया गया। साथ ही खर्चों की कटौती कर आय कैसे बढ़ा सकते हैं, इस पर भी गहन मंथन किया गया।
केंद्रीय बजट का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए काम करें
केंद्रीय बजट के बाद अधिकारियों की बैठक में सीएम यादव ने कहा कि बजट में अधोसंरचना, पंचायत एवं ग्रामीण विकास सहित अन्य क्षेत्रों के विकास पर बल दिया गया है। इसलिए केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों को ध्यान में रखकर कार्य करें। मध्यप्रदेश के संदर्भ में इसका लाभ उठाने के प्रयास किए जाएं। नगरीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास भी जारी हैं। उन्होंने प्लानिंग एवं प्रतिबद्धता से कार्य करने के अधिकारियों को निर्देश दिए।
आय और व्यय को लेकर यह निर्देश भी दिए
- विभिन्न राज्यों के नवाचारों को शामिल करते हुए मध्यप्रदेश में कार्यों को पूरा किया जाए।
- लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य हों।
- बिजली, पानी, उद्योग, शिक्षा के क्षेत्र में भी कोई कमी नहीं छोड़ें। प्राकृतिक और जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए।
- जल संसाधन विभाग के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा राशि केंद्र सरकार से प्राप्त करने की कोशिश की जाए।
- मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उच्च शिक्षा एवं स्कूल शिक्षा के लिए किए गए बजट प्रावधान के हिसाब से काम हो।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान में प्रदेश को लाभ देने की कार्ययोजना बनाएं।
क्या होता है पूंजीगत व्यय
पूंजीगत व्यय में मशीनरी, भवन, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा सुविधाओं के साथ भूमि अधिग्रहण, भविष्य में लाभ या लाभांश देने वाले निवेश शामिल हैं।
यह होता है राजस्व व्यय
सरकारी विभागों की सेवाओं में होना वाला खर्च राजस्व व्यय की कैटेगरी में आता है। इसमें वेतन भत्ते, ऋण पर ब्याज की अदायगी, बिजली समेत अन्य सब्सिडी, किराया, टैक्स, माल ढुलाई, मजदूरी, कमीशन, कानूनी खर्च आदि शामिल हैं।
पौने चार लाख करोड़ का कर्ज है सरकार पर
प्रदेश सरकार पर वर्तमान में करीब पौने चार लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। 31 मार्च 2023 की स्थिति में राज्य सरकार पर कर्ज 3 लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक था। इसके बाद एक साल के अंतराल में 31 मार्च 2024 तक 42500 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज पहले शिवराज और फिर मोहन सरकार ने लिया है। इस तरह कुल कर्ज करीब 3 लाख 74 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया है।