सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: ओलिंपिक में महिला रेसलिंग में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘विटनेस’ में कई विवादास्पद खुलासे किए हैं। साक्षी ने आरोप लगाया है कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने एशियाई गेम्स-2023 के ट्रायल्स में लालच में आकर छूट ली, जिससे भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के खिलाफ चल रहे आंदोलन की छवि खराब हुई।
साक्षी ने कहा कि बबीता फोगाट, जो भाजपा नेता हैं, इस आंदोलन के पीछे का मुख्य कारण हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बबीता और भाजपा नेता तीर्थ राणा ने पहलवानों को आंदोलन के लिए उकसाया और धरने की अनुमति भी दी। इसके जवाब में, बबीता की बहन गीता फोगाट ने कहा कि WFI के अध्यक्ष बनने का लालच किसके अंदर था, यह सब जानते हैं।
विनेश फोगाट ने साक्षी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें किस चीज का लालच था, यह सवाल साक्षी से पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों के हक के लिए लड़ाई जारी रहेगी।
हरियाणा भाजपा के अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने भी बबीता का समर्थन करते हुए कहा कि सभी खिलाड़ियों को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
साक्षी ने अपने किताब में कुछ प्रमुख खुलासे भी किए हैं, जिनमें उन्होंने कहा कि उनके साथ 2016 के पेरिस ओलिंपिक में कोई साजिश नहीं हुई थी और उन्होंने बचपन में एक शिक्षक द्वारा किए गए दुर्व्यवहार का भी जिक्र किया।
इस विवाद ने भारतीय कुश्ती समुदाय में एक नई बहस छेड़ दी है, जिसमें खिलाड़ी और उनके परिवार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं।