सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज हम बात करने जा रहे हैं भारत के सबसे प्रिय उद्योगपति और महान व्यक्तित्व रतन टाटा जी के बारे में। उनकी सादगी, दरियादिली और प्रेरक जीवन ने उन्हें भारत के लाखों लोगों का आदर्श बना दिया है।
10 महत्वपूर्ण बिंदुओं में जानें रतन टाटा के जीवन के अनमोल योगदान:
- परिवार की विरासत: रतन नवल टाटा, जमशेदजी टाटा के परपोते हैं, जिन्होंने टाटा समूह की नींव रखी थी। उनके माता-पिता के अलग होने के बाद, उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया।
- अविवाहित जीवन: रतन टाटा ने चार बार शादी के करीब पहुंचने के बावजूद कभी शादी नहीं की। उनकी मानवीय दृष्टिकोण और संवेदनशीलता जीवन के हर पहलू में झलकती है।
- शिक्षा: कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में डिग्री प्राप्त करने के बाद, 1962 में रतन टाटा टाटा समूह से जुड़े।
- नेतृत्व का सफर: 1971 में उन्हें ‘नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी’ का प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया और 1991 में टाटा समूह का नेतृत्व संभाला।
- वैश्विक विस्तार: उनके कार्यकाल के दौरान टाटा समूह ने कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अधिग्रहण किया, जैसे 2000 में टेटली टी और 2007 में जगुआर-लैंड रोवर।
- टाटा नैनो: 2009 में, उन्होंने दुनिया की सबसे सस्ती कार ‘टाटा नैनो’ को मध्यम वर्ग के लोगों तक पहुंचाकर अपना वादा पूरा किया।
- परोपकारिता: रतन टाटा अपनी दरियादिली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने आगा खान अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की नींव रखी और कोरोना महामारी के दौरान 500 करोड़ रुपए का दान दिया।
- सादगीपूर्ण जीवन: रतन टाटा ने अपने जीवन के अंतिम दिनों तक सादगी से जीवन बिताया। वह कभी अरबपतियों की सूची में नहीं रहे, लेकिन समाज को वापस देने में हमेशा तत्पर रहे।
- Legacy: 86 वर्ष की उम्र में, 2024 में उनका निधन मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ।
- प्रेरणा: रतन टाटा का जीवन हमें सिखाता है कि सफलता सिर्फ पैसे और नाम से नहीं, बल्कि सादगी, ईमानदारी और परोपकार से मापी जाती है।
रतन टाटा हमेशा याद किए जाएंगे अपनी सादगी, दयालुता और महानता के लिए।