मुंबई । रूस और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के ब्याज दर के निर्णय और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की चाल तय होगी। बाजार के विश्लेषकों का मानना है कि बाजार में अभी उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना रहेगा। एफओएमसी की बैठक, रूस-यूक्रेन संघर्ष इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक कारक रहेंगे। अभी रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे।

इन सबके बीच कच्चे तेल की कीमतें और विदेशी निवेशकों का रुख भी भारतीय बाजारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 मार्च को आएंगे। होली के मौके पर शुक्रवार 18 मार्च को बाजार बंद रहेंगे। सोमवार को बाजार भागीदार औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसी तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं।

अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। इन पर सभी की निगाह रहेगी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,216.49 अंक चढ़ा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 385.10 अंक के लाभ में रहा। बाजार के जानकारों का कहना है ‎कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और अब निकट भविष्य में बाजार अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर प्रतिक्रिया देगा।

रूस-यूक्रेन भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति दबाव को लेकर रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया आदि पर अब बाजार की निगाह रहेगी। इनके अनुकूल होने तक बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा। रुपए का उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल के दाम और विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुख भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा। रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं। घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे।