सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अजरबैजान एयरलाइंस का विमान 25 दिसंबर को क्रैश हुआ था। इसमें 38 लोगों की मौत हुई थी। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने इस हादसे का जिम्मेदार रूस को ठहराया था। हालांकि, अब रूस ने अजरबैजान से वादा किया है कि वह प्लेन क्रैश के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा जरूर दिलाएगा।

अजरबैजान के महाधिवक्ता ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी कि रूस की जांच एजेंसी ने उनसे वादा किया है कि दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

महाधिवक्ता ने कहा-

इससे पहले रूस ने अजरबैजान से विमान हादसे को लेकर माफी मांगी थी लेकिन यह नहीं माना था कि इस हादसे की वजह उनका एयर डिफेंस मिसाइल था।

पुतिन की माफी के बाद भी रूस से नाराज अजरबैजान राष्ट्रपति अलीयेव ने रूस पर मामले को कवर अप करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि रूस ने काफी समय तक मामले को दबाए रखा और अब रूसी अधिकारी इस पूरे हादसे को कवर अप करने की कोशिश कर रहे हैं।

अलीयेव ने अजरबैजान प्लेन क्रैश को लेकर रूस से तीन मांगें रखी हैं। उन्होंने कहा-

अलीयेव ने कहा कि पहली मांग ‘पहले ही पूरी हो चुकी है’ क्योंकि पुतिन ने माफी मांग ली है, लेकिन बाकी दो मांगें अभी भी बाकी हैं। इससे पहले पुतिन ने हादसे को ‘दुखद घटना’ बताया था।

रूस पर क्यों लगा था विमान को क्रैश कराने का इल्जाम?

रूसी सैन्य ब्लॉगर यूरी पोडोल्याका ने न्यूज एजेंसी AFP से कहा कि विमान के मलबे में देखे गए छेद एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम से हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नुकसान से पता चलता है कि प्लेन गलती से किसी एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम से टकराया होगा।

डिफेंस एक्सपर्ट जेम्स जे मार्लो ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्हें जानकारी मिली है कि जब ये हादसा हुआ तब रूसी डिफेंस सिस्टम ग्रोजनी में यूक्रेनी ड्रोन को इंटरसेप्ट कर रहे थे। अगर ये सच है तो हो सकता है कि डिफेंस सिस्टम ने प्लेन को ड्रोन समझ लिया हो और गलती से हमला कर दिया हो।

प्लेन क्रैश को लेकर पहले की थ्योरीज…

1. पक्षी टकराने से ऑक्सीजन सिलेंडर फटा: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्लेन के एक पक्षी के टकराने से उसके ऑक्सीजन सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया, जिससे प्लेन क्रैश हुआ था। हालांकि तब भी इस थ्योरीज पल सवाल उठ रहे थे। दरअसल, इससे जुड़ी फुटेज में प्लेन में क्रैश के बाद ही आग लगती दिख रही थी। उससे पहले आग या धुआं दिखाई नहीं दे रहा था।

2. तकनीकी खराबी: कजाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा था कि वे कुछ तकनीकी खराबियों के एंगल से भी क्रैश जांच कर रहे हैं।

क्रैश हुए विमान एम्ब्रेयर 190 को जानें

एम्ब्रेयर 190 दो जेट इंजन वाला विमान है। इसे रीजनल एयर कनेक्टिविटी यानी ये कम दूरी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। नैरो बॉडी के इस विमान को 2004 में लॉन्च किया गया था। अगले साल यानी 2005 में इसकी कॉमर्शियल उड़ानें शुरू हुई थीं।

अलग-अलग सिटिंग अरेंजमेंट के मुताबिक इसमें यात्री और क्रू मेंबर मिलाकर 90 से 98 लोग सफर कर सकते हैं। यह विमान सिंगल-आइल है यानी इसमें दोनों तरफ सीट्स और बीच में गैलरी होती है। एम्ब्रेयर 190 जेट में दो टर्बोफैन इंजन लगे होते हैं, जिससे यह 4000 KM जितनी लंबी दूरी तय कर सकता है।

#प्लेनक्रैश #रूस #दोषियोंकीसजा #विमानहादसा #अंतरराष्ट्रीय