सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: रूस में यूक्रेनी सेना 30 किमी अंदर तक घुस गई है। अमेरिकी मीडिया हाउस CNN के मुताबिक फरवरी 2022 में जंग शुरू होने के बाद यह पहली बार है जब यूक्रेन, रूस में घुस कर हमले कर रही है।
रूस ने शुक्रवार तक यूक्रेनी सीमा से सटे कुर्स्क में कम से कम 250 वर्ग किलोमीटर का इलाका गंवा दिया है। यूक्रेनी सैनिकों का अगला टारगेट रूसी शहर सुद्जा है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हैं, जिनमें यूक्रेनी सैनिक इमारतों पर रूसी झंडा हटाकर अपने देश का झंडा लगा रहे हैं।
वहीं, रूस, यूक्रेनी हमले को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके सैनिकों ने रूस के टोलपिनो और ओब्शची कोलोडेज गांवों में यूक्रेनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ हुई है।
यूक्रेन के 100 से ज्यादा सैनिक 11 टैंकों के साथ रूस के कुर्स्क में घुसे हैं।
रूस-यूक्रेन जंग की शुरुआत के बाद से यूक्रेन की तरफ यह अब तक का सबसे बड़ा पलटवार है।
रूसी गांवों पर कब्जे के बाद यूक्रेनी सैनिकों ने एक वीडियो भी जारी किया। (स्क्रीन ग्रैब)
कुर्स्क न्यूक्लियर प्लांट के नजदीक हो रही लड़ाई
रूस के कुर्स्क इलाके में छठे दिन भी यूक्रेनी हमला जारी है। रूस ने 8 अगस्त को ही इलाके में इमरजेंसी लगा दी थी। रिपोर्ट के मुताबिक मात्र 24 घंटों में यूक्रेन की सेना ने कुर्स्क क्षेत्र में दो प्रमुख किलेबंदी को ध्वस्त कर दिया। इसे बनाने में रूस को ढाई साल से अधिक समय लगा था और इस पर 170 मिलियन डॉलर ( करीब 14 हजार करोड़) से ज्यादा खर्च हुए थे।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने रविवार को कहा कि रूसी सेना की तरफ से इसका करारा जवाब मिलेगा। जखारोवा ने कहा कि इन हमलों का मकसद रूसी नागरिकों की हत्या करना, उन्हें डराना और देश के बुनियादी ढांचे को नष्ट करना है।
रूस और यूक्रेन सेना के बीच जिस इलाके में लड़ाई चल रही है वह कुर्स्क न्यूक्लियर प्लांट के नजदीक है। ये पावर प्लांट रूस के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट्स में से एक है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) चीफ राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि न्यूक्लियर हादसे को रोकने की कोशिश की जानी चाहिए। अगर कोई हादसा होता है तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।