मॉस्को । रूस की खुफिया एजेंसी एफएसबी ने यूक्रेन की एसएसयू के तीन स्पेशल एजेंटों को पकड़ लिया है। ये एजेंट रूसी नौसेना के काला सागर फ्लीट के रेडियो सेंटर को उड़ाने की साजिश रच रहे थे। रूसी नौसेना की यह फ्लीट यूक्रेन के आसपास के इलाकों में गश्त करती है। एफएसबी ने बताया कि इनमें से दो पिता-पुत्र हैं, जो रूस के रणनीतिक ठिकानों का डेटा एकत्र कर रहे थे। उन्होंने आतंकवादी हमले की योजना बना रहे एक युवक को भी पकड़ा है।

एफएसबी ने अपने एक बयान में कहा कि उन्होंने यूक्रेनी सुरक्षा सेवा के दो एजेंटों को हिरासत में ले लिया है। इनमें से एक की पहचान जिनोवी कोवल के रूप में हुई है। जिवोनी 1974 में पैदा हुआ था, जबकि उसका बेटा इगोर कोवस 1999 में पैदा हुआ था। ये दोनों रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी, सैन्य बेस से जुड़ी जानकारियां और फोटो लेने के लिए रूस पहुंचे थे। बयान में कहा गया है कि इनकी कार से छोटी बैरल और ऑटोमेटिक हथियार भी बरामद हुए हैं। इसके अलावा कार में व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण भी मिले हैं। इन सबको जांच के लिए भेजा गया है। रूसी खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि पकड़े गए पिता-पुत्र ने कबूल किया कि उन्हें यूक्रेनी खुफिया एजेंसी एसएसयू के एक कर्मचारी ने भर्ती किया था।

कर्मचारी ने इन पिता-पुत्र को रणनीतिक जानकारी देने के एवज में 10000 डॉलर की राशि देने का वादा किया था। पकड़ा गया तीसरा शख्स यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुख्य खुफिया निदेशालय का एक एजेंट है। इस एजेंट का नाम अलेक्जेंडर त्सिलेक बताया जा रहा है। एफएसबी ने कहा कि यूक्रेन के स्पेशल सर्विस एजेंटों ने ब्लैक सी फ्लीट रेडियो सेंटर मास्ट और क्रीमियन टेलीविजन सेंटर टॉवर को उड़ाने की योजना बनाई है। बयान में बताया गया है कि उन्होंने क्रीमिया रेडियो और टेलीविजन प्रसारण केंद्र, एक मोबाइल गैस टरबाइन बिजली संयंत्र, ईंधन और लूब्रिकेंट्स का गोदाम और काला सागर बेड़े का रेडियो सेंटर को उड़ाने की योजना बनाई थी।

एक एजेंट को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था और उसका अपराध पूरी तरह साबित हो गया है। एफएसबी को पता चला है कि यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुख्य खुफिया निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यूक्रेन से रूस के क्षेत्र में उपद्रव के लिए एक समूहों को ट्रेनिंग दी है। 2016 में रूसी अधिकारियों ने क्रीमिया में ऐसे ही कुछ एजेंटों को पकड़ा था, इनमें से यूक्रेनी खुफिया निदेशालय के चार अधिकारी शामिल थे।