आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : सऊदी अरब के जेद्दा में आयोजित तीसरे रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में दुनिया भर के देशों की फिल्मों को पछाड़ते हुए पाकिस्तान के जरार कहन की फिल्म ‘इन फ्लेम्स’ ने बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड जीता है।
गोल्डन यूजर फाॅर बेस्ट फीचर फिल्म का यह अवॉर्ड फेस्टिवल का सबसे बड़ा अवार्ड है जिसमें एक लाख अमेरिकी डाॅलर का कैश प्राइज भी शामिल है। ‘इन फ्लेम्स’ जरार कहन की पहली ही फिल्म है।
ऑनर किलिंग पर बेस्ड ‘वखरी’ को भी मिली लोकप्रियता
पाकिस्तान की ही ईरम परवीन बिलाल की फिल्म ‘वखरी’ (वन आफ अ काइंड) को भी काफी लोकप्रियता मिली जो एक सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर कंदील बलोच की ऑनर किलिंग की सच्ची घटना से प्रेरित है।
सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर जिसे भाईयों ने ही मार डाला
कंदील बलोच, पाकिस्तान की पहली सोशल मीडिया सेलेब्रिटी थी जिसका असली नाम फौजिया अजीम था। 15 जुलाई 2016 की रात जब वह मुल्तान में अपने पिता के घर सोई हुई थी तब रात के साढ़े 11 बजे उसके दो भाइयों असलम और वसीम ने ही गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी। उन्होंने बाद में स्वीकार किया कि उन्होंने खानदान की इज्जत बचाने के लिए अपनी बहन को मार डाला।
RSIFF में रही पाकिस्तानी फिल्मों की चर्चा
रेड सी अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में इन दोनों पाकिस्तानी फिल्मों की खूब चर्चा रहीं। ये दोनों फिल्में पितृसत्तात्मक पाकिस्तानी समाज में औरतों की आजादी और संघर्ष का मसला उजागर करती है।
इन दोनों फिल्मों ने दुनिया भर का ध्यान सार्थक पाकिस्तानी सिनेमा की ओर खींचा है। हालांकि पिछले साल सैम सादिक की पाकिस्तानी फिल्म ‘ज्वायलैंड’ (2022) को 75वें कान फिल्म फेस्टिवल में अवाॅर्ड मिला था और उसे ऑस्कर अवॉर्ड में पाकिस्तान से आधिकारिक प्रविष्टि के बतौर भेजा गया था।
हालांकि धार्मिक कट्टरपंथी समूहों के दबाव में इस फिल्म को पाकिस्तान के कई राज्यों में प्रतिबंधित कर दिया था। पाकिस्तान में कट्टरपंथी समूहों द्वारा इस फिल्म के विरोध की मुख्य वजह यह थी कि इसमें एक शादीशुदा युवक और एक ट्रांसजेंडर की प्रेम कहानी दिखाई गई थी। हालांकि इस फिल्म का मुख्य विषय वही पितृसत्तात्मक समाज था।
बात करें जरार कहन की फिल्म ‘इन फ्लेम्स’ की तो यह 96वें ऑस्कर अवॉर्ड में पाकिस्तान से बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म की कैटेगरी में आधिकारिक प्रविष्टि रही है। इसी साल 76वें कान फिल्म समारोह के डायरेक्टर फोर्टनाईट में इस फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर हुआ था। बाद में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में इस फिल्म को बड़ी शोहरत मिली।
क्या है फिल्म ‘इन फ्लेम्स’ की कहानी
जरार कहन की फिल्म ‘इन फ्लेम्स’ कराची की साधारण बस्ती के छोटे से फ्लैट में रहने वाली मरियम (रमेशा नवल) और उसकी विधवा मां फारिहा (बख्तावर मजहर) की कहानी है। मरियम का एक प्रेमी है असद (उमर जावेद) जो उसके साथ ही मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।
एक दिन समुद्र किनारे से मोटरसाइकिल पर लौटते हुए वे भयानक दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं जिसमें असद की मौत हो जाती है और मरियम बच जाती है और एक आटोरिक्शा वाले की मदद से किसी तरह घर पहुंचती है। इस सदमे से उसे बुरे बुरे सपने आते है हालांकि वह मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।