वॉशिंगटन । कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका में नई परेशानी रेस्पिरेटरी सिन्शियल वायरस (आरएसवी) ने दस्तक दे दी है। बहुत तेजी से फैलने वाला यह वायरस 2 हफ्तों से लेकर 17 साल की उम्र तक के बच्चों को शिकार बना रही है। इसके साथ ही, अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बढ़ते मामलों पर चिंता जाहिर की है। विशेषज्ञ इस लिए भी चिंतित हैं कि बच्चों में अगर कोविड-19 के मामले बढ़े, तो वे क्या करेंगे। सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के अनुसार आरएसवी के मामले जून में धीरे-धीरे बढ़े हैं। इसकी दर बीते माह काफी ज्यादा रही। आरएसवी का शिकार होने पर नाक बहना, खांसी, छींक और बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं। ह्यूस्टन स्थित टेक्सास चिल्ड्रन्स हॉस्पिटल में पीडियाट्रिशियन डॉक्टर हीदर हक ने बताया कई महीनों तक शून्य या बेहद कम बच्चों के मामलों के बाद अब नवजात, बच्चे और कोविड से पीड़ित किशोर अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यह संख्या हर दिन बढ़ रही है।

आंकड़ों के अनुसार, बीते दो हफ्तों में अमेरिका में नए कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 148 फीसदी बढ़े हैं। जबकि, अस्पताल में भर्ती होने वाली मरीजों की संख्या में 73 फीसदी इजाफा हुआ है। तेजी से ऊपर जाते संक्रमण के ग्राफ का कारण डेल्टा वेरिएंट को माना जा रहा है। साथ ही कई राज्यों में टीकाकरण की धीमी दर भी बढ़ते मामलों के लिए जिम्मेदार मानी जा रही है।