सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: राजस्थान रॉयल्स की टीम काफी मजबूत नजर आ रही है। टीम के पास बेहद मजबूत बैटिंग लाइन-अप है। पावर हिटर हैं और जोरदार बॉलिंग अटैक है, लेकिन टीम के पास ऑलराउंडर्स की कमी है। ऐसे में प्लेइंग-11 में कॉम्बिनेशन मुश्किल हो सकता है।
राजस्थान मौजूदा सीजन में अपना पहला मुकाबला 24 मार्च को लखनऊ सुपरजायंट्स से खेलेगी। लीग के ओपनिंग सीजन में खिताब जीतने वाली टीम को अब भी दूसरे टाइटल का इंतजार है। राजस्थान ने 2022 के सीजन में फाइनल तक का सफर तय किया, लेकिन हार्दिक पंड्या की कप्तानी वाली नई नवेली गुजरात टाइटंस ने टीम का सपना तोड़ दिया। पिछले सीजन टीम 5वें नंबर पर रही।
शुभम दुबे के आने से बैटिंग मजबूत, पॉवल ने फिनिश मजबूत किया
राजस्थान रॉयल्स ने पिछली नीलामी में 14.30 करोड़ रुपए खर्च कर 5 प्लेयर्स खरीदे। हालांकि, मिनी ऑक्शन में स्क्वॉड में 3 प्लेयर्स की जगह खाली रह गई। फ्रेंचाइजी ने फिनिशर रोवमन पॉवेल और अनकैप्ड शुभम दुबे को शामिल कर बैटिंग को मजबूत कर लिया। 50 लाख के नांद्रे बर्गर तेज गेंदबाजी को मजबूती दे रहे हैं।
पॉसिबल प्लेइंग-11
संजू सैमसन (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, जोस बटलर, शुभम दुबे, ध्रुव जुरेल, शिमरोन हेटमायर, रोवमन पॉवेल, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, ट्रेंट बोल्ट, संदीप शर्मा और आवेश खान।
इम्पैक्ट: रियान पराग
स्ट्रेंथ
टॉप ऑर्डर में जायसवाल, बटलर और सैमसन: विस्फोटक ओपनर यशस्वी जायसवाल, जोस बटलर और कप्तान संजू सैमसन राजस्थान के टॉप ऑर्डर को स्ट्रॉन्ग बना रहे हैं। शुभम दुबे, रियान पराग और रोवमन पॉवल को अपने साथ जोड़कर मिडिल ऑर्डर की मजबूती बढ़ाई।
पेस बैटरी में बोल्ट, स्पिन में अश्विन-चहल जैसे नाम: टीम का बॉलिंग डिपार्टमेंट पहले से शानदार है। नवदीप सैनी, कुलदीप सेन, ट्रेंट बोल्ट और आवेश खान जैसे गेंदबाज हैं। पेसर्स के अलावा युजवेंद्र चहल, रविचंद्रन अश्विन और एडम जम्पा जैसे स्पिनर्स हैं। चहल लीग के टॉप विकेटटेकर हैं।
बैकअप में कई ऑप्शन: राजस्थान की फ्रेंचाइजी ने मौजूदा सीजन में बेंच स्ट्रेंथ भी तैयार की है। फ्रेंचाइजी ने आवेश, बर्गर के रूप में बेहतरीन बैकअप खरीदे।
वीकनेस
अच्छा ऑलराउंडर नहीं: राजस्थान की सबसे बड़ी कमजोरी ऑलराउंड डिपोर्टमेंट है। टीम के पास कोई वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर नहीं है। रियान पराग पर टीम ने कई बार भरोसा जताया, लेकिन 1 या 2 मैच को छोड़ दें तो वह कुछ कमाल नहीं कर पाए।
टीम के तौर पर निरंतरता में कमी: राजस्थान में बतौर टीम निरंतरता की कमी है। टीम ने लीग के पहले ही सीजन में टाइटल जीता था, लेकिन उसके बाद से लंबे समय तक फाइनल का सफर तय नहीं कर सकी। 2022 में गुजरात ने राजस्थान के एक बार फिर चैम्पियन बनने का सपना तोड़ा था। पिछली बार टीम 5वें नंबर पर रही थी।
परफेक्ट कॉम्बिनेशन चुनना चुनौती: ऑलराउंडर्स न होने के कारण राजस्थान के टीम मैनेजमेंट के पास परफेक्ट कॉम्बिनेशन चुनने की चुनौती होगी, हालांकि इम्पैक्ट प्लेयर इसका एक विकल्प हो सकता है। टीम में 5वें गेंदबाज की कमी खल सकती है। बॉलिंग स्ट्रेंथ बढ़ने पर बैटिंग कमजोर हो सकती है।