सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो हर किरदार में अपना इंपैक्ट डाल देते हैं। गुलशन देवैया की फिल्म ‘उलझ’ हाल ही में रिलीज हुई है। इस फिल्म में वे जान्हवी कपूर के साथ नजर आए हैं। इस फिल्म में दर्शकों को गुलशन का किरदार पसंद आया। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि उनके किरदार के साथ सही से न्याय नहीं किया गया।

हाल ही में गुलशन देवैया ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। एक्टर ने बताया कि वो यह नहीं सोचते है कि फिल्म में रोल कितना बड़ा है। फिल्म से तभी जुड़ते हैं, जब प्रोजेक्ट पसंद आता है। अगर फिल्म का चयन गलत हुआ तो शूटिंग खत्म होने के लिए दिन गिनते हैं।

‘उलझ’ में आपके किरदार को जिस तरह का फीडबैक मिला है, आप क्या सोचते हैं?

यह अच्छी बात है कि दर्शकों की बेसिक उम्मीदों पर खरा उतरा हूं। इससे मुझे ऊर्जा मिलती है। लोगों का यह प्यार है जो ऐसा कह रहे हैं।

लेकिन इस फिल्म में जाह्नवी कपूर को ही प्रमोट किया गया। आपको ऐसा नहीं लगता कि जिस तरह से आपके किरदार के साथ न्याय होना चाहिए नहीं हुआ ?

मैं इस बात से सहमत नहीं हूं। मैं सिर्फ यही सोचता हूं कि अपना काम ठीक से कर लूं। मैं तभी किसी प्रोजेक्ट से जुड़ता हूं। जब उसमें मेरी दिलचस्पी होती है। मैं फिजूल में यह नहीं सोचता कि मेरा रोल कितना बड़ा है।

जैसे ‘बधाई दो’ में मेरा छोटा सा ही रोल था। लेकिन मुझे इंट्रेस्टिंग लगा। मैंने ‘दहाड़’ की शूटिंग से समय निकालकर वह फिल्म की। उसमें छह मिनट से भी कम रोल है। ‘हंटर’ में भी नहीं सोचा था कि मेरे रोल को लोग पसंद करेंगे। मैं यही सोचता हूं कि अगर किसी किरदार में इंट्रेस्ट है तो उसे पूरी मेहनत और शिद्दत के साथ करना चाहिए।

बधाई दो, दहाड़ या फिर उलझ का किरदार हो, उसमें जिस तरह से आपका इंपैक्ट निकल कर आता है, वह कैसे कर लेते हैं?

मुझे एक्टिंग करने में मजा आता है। इसलिए कर लेता हूं। एक बड़ी पुरानी कहावत है कि जिस काम में रुचि होती है। वह काम अच्छा होता है। वैसे ही जिस काम को करने में मजा आएगा, उसे अच्छा करेंगे।

जब आप पहले दिन किसी फिल्म की शूटिंग पर जाते हैं, तब समझ में आ जाता है कि क्या रिजल्ट होगा?

हां, थोड़ा अनुभव होने के बाद अब एक-दो दिन में पता चल जाता है कि फिल्म कैसी बन रही है। अच्छी या बहुत अच्छी बन रही है, या फिर फिल्म के चयन में गलती हो गई। ऐसे समय में सिर्फ यही सोचता हूं कि जितने दिन शूटिंग के बचे हैं। सिर्फ अपने काम पर फोकस करना है।