आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा केप टाउन की पिच से नाखुश दिखे। दूसरे टेस्ट मैच में साउथ अफ्रीका पर जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस रोहित ने कहा, ‘केप टाउन की पिच टेस्ट मैच के लिए आदर्श नहीं थी। जब तक भारतीय पिचों के बारे में कोई शिकायत नहीं करता, तब तक मुझे इस तरह की पिचों पर खेलने में कोई आपत्ति नहीं है। भारत में टर्निंग ट्रैक की आलोचना की जाती है।’
उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि वर्ल्ड फाइनल की पिच पर भी सवाल उठाए गए थे, जबकि उस मैच में एक बल्लेबाज ने सेंचुरी भी जमाई थी। ICC और मैच रेफरी को रेटिंग के लिए एक पैमाना होना चाहिए।’ भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन टेस्ट 7 विकेट से जीतकर सीरीज 1-1 से बराबरी पर खत्म की। यह मैच दो दिन के अंदर खत्म हो गया। इस दौरान 33 विकेट गिरे।
वर्ल्ड कप फाइनल पिच को औसत दर्जा देने से खुश नहीं है रोहित
रोहित ने ICC और मैच रेफरी को पिचों की रेटिंग के मामले में दोहरे मापदंड के लिए जिम्मेदार ठहराया है। साथ ही उन्होंने भारत की स्पिन पिचों की निंदा करने वालों को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘वर्ल्ड कप फाइनल की पिच को औसत रेटिंग दी गई थी। उस मैच में एक खिलाड़ी ने शतक बनाया था। मैं आश्चर्य चकित हूं कि अहमदाबाद की पिच को किस पैमाने के आधार पर रेटिंग किया गया।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मैच रेफरी से आग्रह करता हूं कि वहां (पिच पर) क्या है उसे देखकर रेंटिंग दें। किसी देश को देख कर पिच की रेटिंग नहीं की जानी चाहिए। रेटिंग के लिए एक पैमाना होना चाहिए और मैच रेफरी को न्यूट्रल होकर उस पैमाने पर पिच का आंकलन करना चाहिए। भारत में पहले दिन ही आप धूल के गुबार की बात करते हैं’, यहां भी दरारें थीं।’
वनडे वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मैच जिस पिच (अहमदाबाद) पर खेला गया था, वह वर्ल्ड क्लास पिच नहीं थी। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने इसे औसत रेटिंग दी थी।
नीचे ग्राफिक में वर्ल्ड कप की चार पिचें जिसे ICC ने अच्छा नहीं माना…
इस तरह की पिचों पर खेलने की चुनौती को स्वीकार करते हैं- रोहित
रोहित ने आगे कहा, ‘ऐसा नहीं है कि इस तरह की पिचों (केपटाउन) पर खेलने की चुनौती को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में आप कहीं आते हैं तो खुद को चुनौती देने के लिए ही आते हैं। जब हमारे सामने ऐसी चुनौती आती है, तो आप आते हैं और उसका सामना करते हैं। भारत में भी ऐसा ही होता है, लेकिन, भारत में पहले ही दिन अगर पिच टर्न लेना शुरू कर देती है, तो लोग ‘धूल का झोंका! धूल का गुबार’ के बारे में बात करना शुरू कर देते हैं। धूल!’ यहां पिच पर बहुत अधिक दरार है। लेकिन, लोग उस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।’
107 ओवर में ही खत्म हो गया मैच
केप टाउन टेस्ट 107 ओवर्स में खत्म हो गया। पिच पर पहले दिन से ही फार्स्ट बॉलर्स को मदद मिल रही थी। बैटर्स रन बनाने के लिए संघर्ष करते नजर आए। फास्ट बॉलर्स ने 32 विकेट चटकाए। वहीं एक खिलाड़ी रन आउट, रवींद्र जडेजा और केशव महाराज को तो गेंदबाजी करने का भी मौका नहीं मिला। मुकाबले के दूसरे दिन (4 जनवरी) टीम इंडिया ने 79 रनों के टारगेट को 12 ओवर में हासिल कर लिया।