सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने के उद्देश्य से मध्य प्रदेश सरकार ने 50 लाख रुपये का रिवॉल्विंग फंड बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य रिश्वतखोरी पर रोक लगाना और पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि उन्हें स्वयं घूस की रकम देने की आवश्यकता न पड़े।
मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि अब अगर कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत की मांग करता है, तो पीड़ित को घूस की राशि खुद से देने की जरूरत नहीं होगी। सरकार सीधे पीड़ितों को राशि प्रदान करेगी, जिससे भ्रष्ट अधिकारी को रंगेहाथ पकड़ा जा सके। इस फंड का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सालों तक पीड़ितों की रकम फंसी न रहे और उन्हें शीघ्र राहत मिल सके।
राजस्थान और उत्तराखंड में सफल प्रयासों के बाद मध्य प्रदेश ने भी इसी दिशा में कदम बढ़ाया है। पहले से ही राजस्थान और उत्तराखंड में ऐसी व्यवस्था लागू है, जहाँ प्रत्येक संभाग को 5 लाख रुपये का फंड प्रदान किया गया है। इससे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आई है और मामलों को प्रभावी ढंग से सुलझाया जा रहा है।
जबलपुर के अर्जुन साहू और ग्वालियर के अनूप कुशवाह जैसे कई पीड़ितों की रकम सालों से अटकी हुई थी। अब इस रिवॉल्विंग फंड के माध्यम से उन्हें राहत मिलेगी। अर्जुन साहू ने बताया, “सालों से मेरा पैसा किसी अधिकारी की घूस में अटका हुआ था। अब सरकार की इस पहल से मुझे राहत मिलेगी और मेरा पैसा वापस मिल सकेगा।”
सरकार ने यह भी बताया है कि लोकायुक्त के ट्रैप के बाद घूस की राशि तुरंत लौटाई जाएगी। इससे न केवल भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ने में आसानी होगी, बल्कि पीड़ितों को भी जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।
इस नई पहल से भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में महत्वपूर्ण बदलाव की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि रिवॉल्विंग फंड से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज होगी और समाज में पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, यह पहल समाज में जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगी, जिससे लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने में संकोच नहीं करेंगे।
“भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल है,” एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा। “इससे न केवल भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी, बल्कि समाज में विश्वास की भावना भी मजबूत होगी।”
समाप्ति पर, यह पहल भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एक मजबूत कदम साबित हो सकती है। क्या यह कदम वास्तविक बदलाव लाएगा? अपने विचार हमारे साथ साझा करें और इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी राय दें!