सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: RGPV में 19.48 करोड़ की गड़बड़ी के मामले की 3 मार्च को FIR दर्ज की गई थी। तब से अब तक 30 दिन हो चुके हैं। इसके बाद भी पुलिस मुख्य आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी। दावा किया जा रहा है कि आरोपी तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, रिटायर फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेष वर्मा, तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार की तलाश में SIT की 3 टीमें जुटी हैं।
आधा दर्जन से अधिक संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा चुकी है। इसके बाद भी तीनों आरोपियों का पुलिस कोई सुराग नहीं जुटा सकी है। हालांकि, इस बीच पुलिस ने 22 मार्च को RBL बैंक में बतौर टास्क हेड कार्यरत रहे कुमार मयंक को गिरफ्तार किया था। वहीं, बैरागढ़ के सहायक पुलिस आयुक्त अनिल शुक्ला ने कहा- मामले की जांच की जा रही है, जब्त किए दस्तावेजों की भी तजदीक की जा रही है, आरोपियों की तलाश में पुलिस की तीन टीमे जुटी हैं और कई स्थानों पर हमारे द्वारा दबिश दी जा चुकी है।
दूसरी ओर, FIR दर्ज होने के बाद से ABVP कार्यकर्ता आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने रविवार को भी भोपाल पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। इस धरने में बड़ी संख्या में छात्राएं भी शामिल रहीं।
गिरफ्तारी को लेकर पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन
इससे पहले ABVP कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र को ज्ञापन दिया था। संगठन के सह मंत्री जशवंत यादव बताया कि हमने ज्ञापन में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में चल रहे आर्थिक भ्रष्टाचार के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। ABVP की मांग के चलते विश्वविद्यालय प्रशासन ने गांधी नगर थाने में 3 मार्च को केस दर्ज किया था। तब से अब तक पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। यह न केवल आश्चर्यजनक है, बल्कि न्यायिक व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़ा करता है।
22 मार्च को हुई थी कुमार मयंक की गिरफ्तारी
इस मामले में पुलिस ने 22 मार्च को पहली गिरफ्तारी की थी। पुलिस ने RBL बैंक में बतौर टास्क हेड कार्यरत रहे कुमार मयंक को गिरफ्तार किया था। बताया जा रहा है कि एक्सिस बैंक के अपने पर्सनल अकाउंट में जमा किया था। कुमार मयंक पर धारा 420, 468, 409, 407 के तहत गिरफ्तार किया था। कुमार मयंक RBL बैंक में नवंबर 2018 से मार्च 2023 तक टास्क हेड के पद पर कार्यरत रहे हैं। उन्हें सरकारी संस्थाओं के अकाउंट RBL बैंक में खुलवाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
ABVP कार्यकर्ताओं ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
यह है मामला
RGPV के अकाउंट से 19.48 करोड़ रुपए प्राइवेट अकाउंट में ट्रांसफर किए जाने के मामले में यूनिवर्सिटी के प्रभारी कुलपति प्रो. मोहन सेन ने गांधी नगर पुलिस थाना में FIR दर्ज कराई थी। इसमें यूनिवर्सिटी के तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत, रिटायर फाइनेंस कंट्रोलर ऋषिकेष वर्मा, तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार, RBL बैंक के कर्मचारी कुमार मयंक और दलित संघ सोहागपुर पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था।