सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल के ऊर्जा एवं पर्यावरण प्रबंधन विभाग द्वारा एआईसीटीई अटल कार्यक्रम के अंतर्गत प्रायोजित फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम का आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में दिनांक 30 नवंबर तक किया जा रहा है। इस शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के विभिन्न संस्थानों के 30 प्रतिभागी शामिल हुए हैं।एफडीपी का विषय ‘‘जलवायु परिवर्तन शमन के लिए ऊर्जा प्रौद्योगिकी में प्रगति‘ है | इस कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति राजीव त्रिपाठी

द्वारा की गई। इस अवसर पर मुख्य वक्ता दीपक गडिया (प्रबंध निदेशक, सनराइज सीएसपी इंडिया, वड़ौदरा) एवं विषय विषेषज्ञ समीर शर्मा ,सीइओ स्वाहा रिसोर्स मेनेजमेंन्ट, इंदौर एवं लोकन्द्र ठक्कर, सिनियर सांइटिस्ट, इपको, भोपाल थे।
उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति राजीव त्रिपाठी ने जलवायु परिवर्तन के शमन की तकनीकियों की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए इसे महत्वपूर्ण बताया। निदेशक दीपक गाड़िया ने ‘‘जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए डीकार्बोनाईजेषन सौर ऊर्जा तापीय तकनीक‘‘ विषय पर अपने अनुभवों से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
तकनीकी सत्र में निदेशक समीर शर्मा ने अपने विषय में ‘‘स्थायी अपषिष्ट प्रबंधन के लिए स्थायी समाधान‘‘ विषय पर कचरा और उसके उचित निष्पादन पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह दोनों एक दूसरे के इस तरह जुड़े हैं जैसे इंसान के साथ भोजन। जहाँ इंसान है वहाँ कचरा होगा ही। अतः इस कचरे का निष्पादन एक ज्वलंत समस्या है इस कचरे का परिवहन कर निष्पादन करने की बजाए उसी स्थान पर कैसे निपटारा किया जाए उसे विकेन्द्रीकृत कैसे किया जाए इस पर विचार होना चाहिए उन्होंने इस दिशा में उन्नत तकनीकियों तथा प्रबंधन क पर प्रकाश डाला।
‘‘नो मोर हॉट ऐयर प्लीज -जलवायु परिवर्तन शमन के लिए ऊर्जा प्रौद्योगिकी में प्रगति‘‘ विषय परनिदेशक लोकेन्द्र ठक्कर सिनियर सांइटिस्ट, इपको, भोपाल द्वारा जलवायु परिवर्तन के कारक, उनके दुष्प्रभाव, उनसे उत्पन्न वैष्विक परिदृष्य पर प्रकाष डालते हुए भारत शासन एवं म.प्र. शासन द्वारा जलवायु परिवर्तन से संबंधित नितीयों एवं योजनाओं पर चर्चा की, साथ ही उन्होंने सीओपी 29 में भी भारत के दृष्टिकोण से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
एफडीपी की प्रस्तावना एफडीपी समन्वयक ऊर्जा एवं पर्यावरण प्रबंधन विभाग की संचालक सविता व्यास द्वारा प्रस्तुत की गई। सह-समन्वयक डॉ पंकज जैन द्वारा आभार प्रदर्शन व्यक्त किया गया।

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