सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: आज अनसुनी दास्तानें में कहानी रेखा की मां पुष्पावली की जो कि खुद साउथ की एक्ट्रेस थीं। पुष्पावली तमिल और तेलुगु सिनेमा की चर्चित स्टार थीं, लेकिन इनकी लाइफ ट्रैजडी से भरी रही। घर चलाने के लिए छोटी उम्र में ही उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था।
1947 में आई फिल्म ‘मिस मालिनी’ में पुष्पावली पहली बार हीरोइन बनकर परदे पर उतरीं और छा गईं। इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात साउथ एक्टर जेमिनी गणेशन से हुई।
पुष्पावली और जेमिनी गणेशन की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री असल जिंदगी में रोमांस में बदल गई। कई मुश्किलों के बावजूद दोनों ने रिश्ता नहीं तोड़ा और पुष्पावली दो बच्चों की मां बन गईं। बॉलीवुड एक्ट्रेस रेखा जेमिनी गणेशन और पुष्पावली की बड़ी बेटी हैं।
दो बच्चों के जन्म के बावजूद जेमिनी ने कभी पुष्पावली को अपनी पत्नी का दर्जा नहीं दिया और उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया। पुष्पावली ने अकेले के दम पर बच्चों को पाला और जरूरत पड़ने पर 14 साल की रेखा को भी फिल्मों में काम करवाने से नहीं हिचकिचाईं।
चलिए नजर डालते हैं पुष्पावली की ट्रैजिक लाइफ की कहानी पर…
पुष्पावली का जन्म 3 जनवरी 1926 को आंध्रप्रदेश के गोदावरी जिले, पेंटापडू गांव में हुआ था। उनका असली नाम कंडाला वेंकट पुष्पावली तयारम्मा था। फिल्मों में उनकी शुरुआत एक चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर हुई। पुष्पावली ने फिल्म ‘संपूर्ण रामायणम’ में 10 साल की उम्र में सीता के बचपन का किरदार निभाया था। ये फिल्म 8 अगस्त, 1936 को रिलीज हुई थी।
पुष्पावली को इस फिल्म में सिर्फ तीन दिन काम करने के लिए 300 रुपए की फीस दी गई थी, जो उस जमाने के हिसाब से काफी ज्यादा थी।
इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट छोटे-मोटे रोल किए। पुष्पावली के माता-पिता गरीब थे इसलिए उन्होंने कम उम्र में ही बेटी से काम करवाना शुरू कर दिया। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर पुष्पावली की जो भी कमाई होती थी, उससे पूरे परिवार का खर्चा चलता था।
यही वजह रही कि पुष्पावली कभी स्कूल नहीं जा पाईं, क्योंकि उनका ज्यादातर समय फिल्मों के सेट्स पर ही बीतता था।