आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : वेब शो ‘एस्पिरेंट्स’ का पहला सीजन 2021 में TVF के यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। ये तीन दोस्तों की कहानी है, जो UPSC पास करने का सपना लेकर दिल्ली में कोचिंग कर रहे होते हैं। आगे कहानी में दिखाते हैं कि तीनों ही दोस्तों के मन में IAS बनने का सपना तो है, लेकिन उनमें से सफल सिर्फ एक ही हो पाता है। पांच एपिसोड की इस सीरीज में कहानी बेहतरीन अंदाज में दर्शाई गई है।

इस फिल्म में नवीन कस्तूरिया, शिवांकित सिंह परिहार, अभिलाष थपलियाल, सनी हिंदुजा , नमिता दुबे ने बखूबी अपना-अपना किरदार निभाया है। अपूर्व सिंह इस सीरीज के डायरेक्टर हैं। ये सीरीज लोगों के बीच इतनी पॉपुलर हुई कि मेकर्स को उनके स्पिन ऑफ ‘संदीप भैया’,’एस के सर’ बनाने पड़े और ये भी बहुत लोकप्रिय हुए।

‘एस्पिरेंट्स’ की टीम ने हाल ही में दैनिक भास्कर को इंटरव्यू दिया, जहां उन्होंने रिजेक्शन के बारे में बात की। नवीन फेलियर को बहुत कमाल चीज समझते हैं, वहीं शिवांकित ने बताया कि अगर उन्हें कोई रिजेक्ट करता है, तो वे दूसरा काम करने लगते हैं।

नवीन ने कहा- हम फेलियर से बहुत कुछ सीखते हैं

फिल्म इंडस्ट्री में अक्सेप्टन्स और रिजेक्शन मिलना बहुत आम बात है, ऐसा कोई रिजेक्शन जिसने आपको अंदर से झकझोर दिया हो? नवीन बताते हैं कि हम फेलियर से बहुत कुछ सीखते हैं। ये बहुत कमाल की चीज है। नवीन ने एक किस्सा भी शेयर किया। उन्होंने कहा, ‘जब मैं डायरेक्टर बनने की कोशिश कर रहा था, उस टाइम मुझे अग्निपथ कैंप में एंट्री मिल गई थी जिससे मैं बहुत खुश था। मैंने उस समय सोचा था कि मैं दो-तीन साल यहां रहूंगा और फिर खुद की फिल्में डायरेक्ट करना शुरू कर दूंगा। तब मुझे लगा था कि मैं सेटल हो जाऊंगा, लेकिन एक हफ्ते के अंदर मुझे कैंप छोड़ने की बात कही गई थी। मैं बहुत दुखी हो गया था।

मुझे लग रहा था इतनी मुश्किल से ये अवसर मिला और अब चला गया तो मैं अंदर से बहुत मायूस हो गया था। मुझे नहीं पता था अब नेक्स्ट कब ऐसा ऑफर मिलेगा और मैं कब डायरेक्टर बनूंगा लेकिन, अगर मैं उस टाइम वो कर लेता तो ‘सुलेमान’ नहीं कर पाता। ‘सुलेमान’ की वजह से मेरा करियर ही चेंज हो गया और मैं एक्टर बन गया। मैं इस चेंज के लिए जिंदगी भर शुक्रगुजार रहूंगा।’

रिजेक्शन का मिलना बहुत आम है

अभिलाष ने अपना किस्सा शेयर करते हुए कहा, ‘जब मैंने रेडियो की शुरुआत की थी तो उस समय भी काफी रिजेक्शन थे। एक रेडियो स्टेशन मैं नौकरी के लिए गया लेकिन उन लोगों ने मुझे इंटर्नशिप करने के लिए कहा। चूंकि मैंने पहले नौकरी की हुई थी इसलिए जब इंटर्नशिप के पहले दिन मैंने उस रेडियो जॅाकी को देखा तो मुझे लगा मैं इससे बेहतर काम कर सकता हूं और अगले दिन मैं वहां से चला गया। 6 महीनों के बाद मैं वही स्लॉट होस्ट कर रहा था। रिजेक्शन का मिलना बहुत आम है। मैं रेडियो, टीवी करके आया हूं और अब जाकर इस तरह की वेब सीरीज कर रहा हूं।’

शिवांकित ने कहा- मैं सेकंड चांस पर यकीन नहीं करता, मेरे लिए सेकंड चांस टाइम वेस्ट है

रिजेक्शन के बारे में शिवांकित ने कहा, ‘मुझे अगर कोई रिजेक्ट करता है, तो मैं दूसरे काम में चला जाता हूं। मैं पीछे नहीं पड़ता कि अगर रिजेक्ट किया है तो मैं करके रहूंगा। मेरा लास्ट शो फ्लॉप हो गया, इस बात ने मुझे जरूर झकझोरा है। मैंने सोचा कि अगर ऑडियंस ने मेरा शो पसंद नहीं किया तो मैं दूसरी शैली का शो बनाऊंगा। मैं सेकंड चांस पर यकीन नहीं करता, मेरे लिए सेकंड चांस टाइम वेस्ट है।’

नमिता ने कहा, ‘मेरी लाइफ में एक समय में मैंने काफी ऑडिशन दिए थे, लेकिन कहीं काम नहीं बन रहा था। मुझे समझ नहीं आता जो लोग कहते हैं कि उन्हें ऑडिशन देना पसंद है। मैं उन लोगों से पूछना चाहती हूं कि वो रिजेक्शन के बारे में क्या सोचते हैं। मेरी नजर में रिजेक्शन फ्रस्ट्रैटिंग जरूर हैं, लेकिन जरूरी होते हैं।