सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : क्षेत्रीय रूपक महोत्सव के समापन सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक रमाकांत पांडेय ने की। इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति सी.जी. विजय कुमार मेनन, विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रो क्षेत्रवासी पण्डा तथा सारस्वत अतिथि के रूप में डॉ गोविंद गन्धे उपस्थित थे।


समापन सत्र में स्वागत वक्तव्य प्रो सनंदन कुमार त्रिपाठी ने दिया । प्रतिवेदन प्रो कृपा शंकर शर्मा ने प्रस्तुत किया उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के विजेता आगामी माह में भोपाल में ही होने वाले अखिल भारतीय रूपक महोत्सव में प्रस्तुति देंगे।धन्यवाद ज्ञापन नीलाभ तिवारी ने किया एवं संचालन शीतांशु त्रिपाठी का रहा।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर में चल रहे क्षेत्रीय रूपक महोत्सव में आज द्वितीय दिन 5 नाटकों का मंचन किया गया। विकसतु एषा कलिका नाटक कवि कुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय ,नागपुर महाराष्ट्र द्वारा प्रस्तुत किया गया । नारी अस्मिता पर केंद्रित इस रूपक में स्त्रियों को साहसी होने और निर्भय जीवन जीने की प्रेरणा दी गई। वहीं हरियाणा संस्कृत विद्यापीठम,बाघोला, हरियाणा द्वारा प्रस्तुत प्रतिभा परीक्षण रूपक में वर्तमान समय के बच्चों को अपसंस्कृति के दुष्प्रभाव से बचाते हुए भारत के गौरवशाली परंपरा व संस्कृति का ज्ञान देने के चिंतन की बात कही गई। पद्मश्री त्रिवेणी कवि अभिराज राजेंद्र मिश्र द्वारा लिखित इस एकांकी नाटक ने समस्त छात्रों को आत्म परीक्षण हेतु विवश कर दिया।
निदेशक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नव देहली ने रक्तदान को महादान बताने वाले महादानम् रूपक की प्रस्तुति दी ।कृषक जीवन की विडंबना को मंच पर सजीव करते हुए इस नाटक ने मानवीय मूल्यों को परिभाषित करते हुए रक्तदान को महादान बताया।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय , लखनऊ परिसर ने श्रीमान विंधेश्वरी प्रसाद मिश्र, विनय द्वारा रचित नेतॄलीलायत नामक नाटक की प्रस्तुति दी ।
नेता द्वारा जनता को किस प्रकार अपने वश में किया जाता है, उन्होंने प्राचीन पारंपरिक ताने-बाने में इस विषय को उपस्थापित किया । केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर ने रमा चौधरी द्वारा रचित पल्लीकमल नाटक की प्रस्तुति दी। इस नाटक में भी पुत्री संतान की महत्ता व माता-पिता के साथ उसके प्रेमिल रिश्तों पर चर्चा करते हुए वर चयन की बात कही गई है। अंतिम दिन इस प्रतियोगिता का परिणाम घोषित किया गया जिसमें प्रथम स्थान पर केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर द्वितीय स्थान पर केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर, केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर परिसर एवं तृतीय स्थान पर कवि कुलगुरू कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय नागपुर महाराष्ट्र एकरसानंद आदर्श संस्कृत महाविद्यालय मैनपुरी उत्तर प्रदेश रहे । इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता लखनऊ परिसर के आयुष मिश्रा को चुना गया तथा सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री भोपाल परिसर की साक्षी रैना रहीं।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रोफेसर रमाकांत पांडेय ने समस्त प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि विजेता होना अपने आप में अच्छी बात है लेकिन किसी भी प्रतियोगिता में प्रतिभागिता ही महत्वपूर्ण होती है इस प्रकार समस्त प्रतिभागी बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने इतने प्रयास में मेहनत करते हुए इस आयोजन को सफल बनाया एवं इतनी अच्छी प्रस्तुतियां दी। क्षेत्रीय रूपक महोत्सव के विजेता फरवरी 2025 में अखिल भारतीय रूपक महोत्सव में संस्कृत नाट्य प्रस्तुति देंगे ।

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