कोरबा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने अब गिधमुड़ी–पतुरिया कोल ब्लॉक में खनन के लिए अडानी समूह के साथ हुए करार की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। वह भी तब, जब राज्य सूचना आयोग ऐसे ही एक मामले में करार की प्रति देने का आदेश दे चुका है।

मामला कोरबा-सरगुजा क्षेत्र में हसदेव अरण्य स्थित गिधमुड़ी-पतुरिया कोल ब्लॉक का है। यह कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी को आवंटित है। कंपनी ने कोयला खनन के लिए अडानी समूह से करार किया है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने पिछले महीने सूचना का अधिकार कानून के जरिए विद्युत उत्पादन कंपनी से कोल ब्लॉक में खनन और विकास के लिए जारी टेंडर दस्तावेज, टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों के नाम और करार की प्रतिलिपि मांगी थी। जवाब में कंपनी के जनसूचना अधिकारी ने आलोक शुक्ला को बताया है 180 रुपए का भुगतान कर टेंडर और टेंडर में शामिल होने वाली कंपनियों के नाम की जानकारी ले सकते हैं। लेकिन कंपनी MDO की जानकारी नहीं दे सकती।

जन सूचना अधिकारी ने कहा है, यह अनुबंध छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन कंपनी और मेसर्स गिधमुड़ी-पतुरिया कोलियरी प्राइवेट लिमिटेड के बीच हुआ है। उस कंपनी से जानकारी देने के लिए सहमति मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने इन्कार कर दिया है। ऐसे में MDO से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराना संभव नहीं है। आलोक शुक्ला ने कहा, बिजली कंपनी के अफसर कानूनों की भी अनदेखी कर रहे हैं। गारे-पेलमा कोल ब्लॉक के मामले में राज्य सूचना आयोग 2019 में MDO की प्रतिलिपि देने का आदेश दे चुका है। एक मामले में आदेश होने के बाद यह बाद के लिए नजीर होती है। लेकिन विद्युत वितरण कंपनी इसकी अनदेखी कर अडानी के साथ करारा छिपाने की कोशिश कर रही है। आलोक शुक्ला ने कहा, वे अपील की तैयारी कर रहे हैं।