सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  म्यांमार में विद्रोही गुट अराकान आर्मी ने बांग्लादेश से सटे शहर माउंगदाव पर कब्जा करने का दावा किया है। माउंगदाव अराकान राज्य का उत्तरी इलाका है। यह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार इलाके से सटा हुआ है और 271 किमी लंबी सीमा साझा करता है।

न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक अराकान आर्मी के प्रवक्ता खैंग थुखा ने सोमवार को कहा कि उन्होंने माउंगदाव में बची आखिरी सैन्य चौकी पर भी कब्जा कर लिया है। इस दौरान उन्होंने वहां से भाग रहे सेना के जनरल थुरिन तुन को पकड़ा। म्यांमार की सैन्य सरकार ने इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

रखाइन के मिलिट्री बेस पर कब्जा कर सकती है अराकान आर्मी माउंगदाव म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में है। ये इलाका जून से अराकान आर्मी के निशाने पर रहा है। अराकान आर्मी ने इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश की सीमा के नजदीक स्थिति दो शहर पलेतवा और बुथिदौंग पर कब्जा कर लिया था।

इससे पहले अराकान आर्मी ने नवंबर 2023 में रखाइन राज्य के 17 में 11 कस्बे पर कंट्रोल कर लिया था। इसके अलावा उन्होंने दूसरे राज्य चिन में भी हमला कर एक कस्बे पर कंट्रोल कर लिया।

रखाइन का एक शहर ऐन में म्यांमार सेना का सैन्य बेस है। यहां से देश के पश्चिमी हिस्से की निगरानी की जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐन शहर पर जल्द ही अराकान आर्मी का कब्जा हो सकता है।

रखाइन सेना ने शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर कहा था कि उन्होंने ऐन शहर में सेना के पश्चिमी कमान को छोड़कर 30 से ज्यादा सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया है।

अराकान आर्मी म्यांमार-बांग्लादेश सीमा पर एक आजाद देश स्थापित करने की कोशिश कर रही है। अरकान आर्मी म्यांमार में दूसरे विद्रोही गुटों के साथ गठबंधन कर अपनी स्थिति और मजबूत करने में जुटी है।

म्यांमार सेना के खिलाफ लड़ रहे कई गुट

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में मिलिट्री सरकार के खिलाफ कई गुट लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने मिलकर एक एलायंस बनाया है जिसमें म्यांमार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस आर्मी (MNDAA), तांग नेशनल लिबरेशन आर्मी (TNLA) और अराकान आर्मी शामिल हैं।

ये गुट कई सालों से म्यांमार की सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं। पहले इनका मकसद अपने इलाके और समुदाय के हितों की मांग करना था लेकिन अब एलांयस का मकसद म्यांमार की सैन्य सरकार को उखाड़ फेंकना है। साल 2021 में सेना ने म्यांमार में चुनी हुई सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इसके बाद स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सू की फिलहाल राजधानी नेपीता में 27 साल की सजा काट रही हैं। इसके बाद मिलिट्री लीडर जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के आपातकाल की घोषणा की थी। हालांकि, बाद में इसे बढ़ा दिया गया।

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