सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत के रियल एस्टेट सेक्टर ने भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की नवीनतम मौद्रिक नीति के तहत रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर 6% करने के फैसले का स्वागत किया है। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आर्थिक गति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया यह निर्णय आवास की वहनीयता में सुधार करेगा, निवेशकों का विश्वास बढ़ाएगा और विशेष रूप से वाणिज्यिक और किफायती आवास खंडों में विकास को तेज करेगा।

यह दर कटौती ऐसे समय में आई है जब रियल एस्टेट सेक्टर बढ़ती निर्माण लागत और बदलती खरीदार मानसिकता के दौर से गुजर रहा है। उधारी लागत को कम करके, RBI ने डेवलपर्स और होमबायर्स दोनों को समय पर राहत प्रदान की है। इससे आवासीय मांग में वृद्धि, नए निवेश और चल रहे प्रोजेक्ट्स के शीघ्र निष्पादन की उम्मीद जताई जा रही है।

स्टेकहोल्डर्स का मानना है कि रेपो रेट कटौती और RBI के दृष्टिकोण में “न्यूट्रल” से “एकोमोडेटिव” की ओर बदलाव के संयुक्त प्रभाव से आवास की पहुंच में सुधार होगा, निवेशकों की भावना मजबूत होगी और रिहायशी, वाणिज्यिक व किफायती आवास क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी।

गुलशन ग्रुप के निदेशक दीपक कपूर ने कहा, “टैरिफ वॉर, वैश्विक अस्थिरता और अनिश्चितता के माहौल में RBI द्वारा लगातार दूसरी बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती बाजार में तरलता बढ़ाएगी, उपभोग को प्रोत्साहित करेगी और अंततः रियल एस्टेट सेक्टर को लाभ पहुंचाएगी। होम लोन की दरों में संभावित गिरावट से EMI कम होंगी और लंबे समय से इंतजार कर रहे खरीदार खरीदारी की ओर कदम बढ़ा सकेंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लगातार दो महीनों की कटौती से RBI ने अपने सतर्क रुख को छोड़ते हुए आगे की संभावनाओं का संकेत दिया है।”

एसपीजे ग्रुप के चेयरमैन एवं सीएमडी पंकज जैन ने कहा, “वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और हाल की टैरिफ बढ़ोतरी की पृष्ठभूमि में RBI का यह निर्णय कि वह दूसरी बार लगातार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर उसे 6% पर ले आया है, देश की आर्थिक गतिविधियों को बल देगा। लक्ज़री हाउसिंग की बढ़ती मांग के परिप्रेक्ष्य में यह रियल एस्टेट सेक्टर की गति को और तेज करेगा, जिससे होम लोन अधिक सुलभ होंगे और संभावित खरीदारों की रुचि फिर से जागृत होगी। यह कदम डेवलपर्स को अछूते माइक्रो-मार्केट्स में विस्तार करने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। ऐसे में इसका व्यापक प्रभाव उद्योग की रिकवरी और समग्र आर्थिक विकास को समर्थन देगा।”

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