नई दिल्ली । सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और टेलिकॉम जैसे अहम मंत्रालयों को संभालते आ रहे रविशंकर प्रसाद की कुर्सी छिन गई है। कैबिनेट विस्तार से कुछ मिनटों पहले अचानक रविशंकर प्रसाद और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की खबर आई तो सब चौंक गए।

अक्सर अपने फैसलों से चौंकाने वाले पीएम मोदी ने दूसरे कार्यकाल के पहले कैबिनेट विस्तार में भी सरप्राइज पैकेज दिया। वैसे तो विश्लेषक प्रकाश जावड़ेकर के इस्तीफे की वजह भी तलाशने में जुटे हैं, लेकिन अधिक चर्चा रविशंकर प्रसाद की हो रही है।
रविशंकर प्रसाद का इस्तीफा ऐसे समय पर हुआ है जब उनका अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर से विवाद चल रहा था। नए आईटी नियमों को लागू करने वाले रविशंकर प्रसाद ने दिग्गज सोशल मीडिया कंपनियों को भारत के नए कानून के मुताबिक चलने को मजबूर किया है। ऐसे समय पर अचानक रविशंकर प्रसाद को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाए जाने पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई है।

बहुत से लोग रविशंकर के इस्तीफे को ट्विटर विवाद से जोड़ रहे हैं। जनअधिकार पार्टी के नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव ने तो यहां तक लिखा कि रविशंकर प्रसाद को अमेरिका को खुश करने के लिए हटाया गया है। अधिकतर ट्विटर यूजर्स इसी तरह के सवाल उठा रहे हैं तो कुछ चुटकी लेते हुए उन्हें ट्विटर के देसी वर्जन कू पर यह विस्तार से बताने को कह रहे हैं कि आखिर उनकी कुर्सी क्यों चली गई।