आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ से जो जानकारी दी गई है उसमें बताया जा रहा है कि अमेरिका बेस्ड टेक कंपनियों ने अनुरोध के बावजूद उनसे डेटा शेयर नहीं कर रही। जब वेबसाइट से लिंक भेजकर डेटा की मांग की गई तो उन्होंने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उनके पास पुराने रेकॉर्ड नहीं हैं।

रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो मामले में पुलिस का कहना है कि इसकी जांच में रुकावट आ गई है। इसकी वजह बताते हुए कहा गया है कि अमेरिका बेस्ड टेक कंपनियों के पोर्टल्स जो संभवत: एआई और डीपफेक बनाते हैं, इस जांच को आगे बढ़ाने के लिए उनकी ओर से जानकारियां नहीं शेयर की गई है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों के मुताबिक बताया गया है कि रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो की जांच में रुकावट आ गई है। बता दें कि सोशल मीडिया पर डीपफेक वीडियो अपलोड होने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 10 नवंबर को इस मामले को लेकर जांच शुरू किया था। इस डीपफेक वीडियो में किसी अन्य महिला का वीडियो एडिट कर इसमें एआई के जरिए रश्मिका मंदाना के चेहरे का इस्तेमाल किया गया था। इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर तूफान मच गया और लोगों ने इसकी जमकर आलोचना की।

मेटा और टेक कंपनी ने जानकारी शेयर नहीं की

इस रिपोर्ट में साइबर सेल के सूत्रों ने बताया है कि सोशल मीडिया की दिग्गज मेटा और टेक कंपनी GoDaddy को कई बार अनुरोध किया गया पत्र भेजे गए लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की।

बिहार से एक लड़के को हिरासत में लिया गया था

एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने बिहार से एक लड़के को हिरासत में लिया था और उसका फोन भी जब्त किया गया। बताया गया कि उन्हें इंस्टाग्राम रील के एक यूआरएल की जानकारी मिली, जिसे लेकर शक है कि आकोपी ने इस वीडियो को बनाने के लिए एआई टूल का इस्तेमाल किया था।

पुलिस की तीसरी अपनी पर नहीं दिया गया जवाब

पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि वीडियो और प्रोफाइल (जिसने वीडियो शेयर किया था) की जानकारी को लेकर पुलिस की पहली और दूसरी अपील का जवाब मेटा ने दे दिया था। लेकिन इस मामले में तीसरी अपील, जिसमें उन्होंने एक यूआरएल भेजा था उसे एक्सेप्ट नहीं किया गया था।

वेबसाइट ने बताया- उनके पास डेटा नहीं है

अधिकारी ने बताया कि हमने इंस्टाग्राम अकाउंट और रील का यूआरएल मेटा अधिकारियों को भेज दिया था, जिसपर उन्होंने कहा कि उनके पास डेटा नहीं है और आरोपी ने अकाउंट और जानकारी डिलीट कर दी है। उनसे पुराना डेटा मांगा गया जिसपर वे सहयोग के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें GoDaddy.com पर होस्ट किया गया एक यूआरएल मिला और वेबसाइट में इस बारे में मदद मांगी गई लेकिन वहां से जवाब ये आया कि उनके पास यूआरएल को लेकर कोई रिकॉर्ड नहीं हैं। अधिकारी ने बताया कि ये ऐसी कंपनियां हैं जो आमतौर पर पुराना डेटा सेव करती हैं।