सागर में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) व नवम अपर सत्र न्यायाधीश ज्योति मिश्रा की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए आरोपी अशोक पुत्र बन्नी कोल को दोषी करार देते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 8 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। शासन की ओर से मामले में पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेंद्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पटेल ने की।
घर के बाहर से उठाकर ले गया था
अभियोजन
के मीडिया सेल प्रभारी ने बताया कि 12 सितंबर 2019 को थाने में शिकायत की
गई थी। शिकायत में पीड़िता की मां ने बताया था कि 5 सितंबर 2019 की रात करीब
12 बजे वह घर के सामने गणेश पंडाल में थी। नाबालिग बेटी घर पर थी। लेकिन
घर लौटकर आई तो बेटी नहीं मिली। तलाश किया। लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चला।
शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर नाबालिग की तलाश शुरू की।
जांच के दौरान पुलिस ने 27 दिसंबर 2019 को पीड़िता को दस्तयाब किया। थाने में नाबालिग के बयान लिए गए। जिसमें उसने बताया कि मम्मी-पापा गणेश उत्सव में गए थे। घर पर वह अकेली थी। घर के पीछे बाथरूम करने को गई थी तो वहां आरोपी अशोक मिला। कहने लगा अगर चिल्लाई तो मार दूंगा और जबरदस्ती खचोड़कर ग्राम बड़ोरा ले गया।
जंगल में ले जाकर की थी मारपीट
आरोपी
ने 3 माह तक वहां रखा। इस दौरान आरोपी ने उसे जंगल ले जाकर मारपीट की थी।
उसे बेच देने की धमकी दे रहा था। जब वह आरोपी अशोक से घर जाने का कहती थी
तो वह कहता था कि घर जाने का नाम लिया तो मारकर फेंक दूंगा। मामले में
नाबालिग के बयानों के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धाराएं बढ़ाईं। जांच
पूरी होने पर न्यायालय में चालान पेश किया। कोर्ट ने प्रकरण में सुनवाई
शुरू की। अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य, गवाह और दस्तावेज पेश किए।
न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुना और फैसला सुनाते हुए आरोपी अशोक को 20
वर्ष के कैद की सजा सुनाई है।