भोपाल । रेलवे ने चेन पुलिंग कर बेवजह ट्रेन रोकने के मामले में संबंधितों से 93 हजार 430 रुपये का जुर्माना भी वसूला है। भोपाल रेल मंडल से गुजरने वाली ट्रेनों को 55 दिनों में 238 बार रोका गया है, वो भी बिना किसी वजह। इससे तकरीबन 2.85 लाख यात्री परेशान हुए। इन्हें निर्धारित स्टेशनों पर पहुंचने में 10 से लेकर 30 मिनट की देरी हुई। यह जानकारी रेलवे की अपनी जांच में सामने आई है। उल्लेखनीय है कि यात्री ट्रेनों की प्रत्येक बोगी में आपात स्थिति के लिए एक जंजीर होती है, जिसे खींचने (चेन पुलिंग करने) पर ट्रेनें धीरे-धीरे रुक जाती हैं। फिर चाहे वे कितनी भी रफ्तार में क्यों न हों। एक बार ट्रेन को रुकने में दो से तीन मिनट लगते हैं और एयर लीकेज खोजने में भी दो से तीन मिनट लगते हैं। जब ट्रेन पुन: चलना प्रारंभ करती है तो उसे गति पकड़ने में भी समय लगता है। इस तरह न्यूनतम छह मिनट ट्रेन लेट हो जाती है। ज्यादातर एयर लीकेज खोजने में समय लग जाता है और 10 से 30 मिनट तक ट्रेनों का तय समय प्रभावित होता है। रेलवे का तर्क है कि कुछ लोग मौके का फायदा उठाकर जंजीर खींच देते हैं और आउटर पर उतर जाते हैं। हालांकि इसमें रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की ही कमी है, जिसका खामियाजा उक्त ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों को भुगतना पड़ता है। बता दें कि ट्रेन रोकने की ये घटनाएं एक जुलाई से लेकर 24 अगस्त के बीच की है। ये ट्रेनें भोपाल, हबीबगंज, इटारसी, संत हिरदाराम नगर, बीना, गुना रेलवे स्टेशनों से होकर गुजरती हैं।