सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क– इंटीग्रेटेड ट्रेड- न्यूज़ भोपाल: रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में परफॉर्मिंग आर्ट्स, नाट्यशास्त्र एवं विश्व रंगमंच के विद्यार्थियों के लिए संस्कृात नाट्य रंग प्रयोग पर केन्द्रित ग्यारह दिवसीय राष्ट्री य कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के संस्कृरत, प्राच्यस भाषा एवं भारतीय ज्ञान परम्प रा केन्द्रद और मानविकी एवं उदार कला संकाय के संयुक्त तत्वाधान में सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
इस कार्यशाला के अन्तलर्गत ग्याईरह दिनों में महाकवि भासकृत संस्कृ त के दो नाटक मध्यिमव्याायोग और कर्णभारम् तैयार किये गये। इस दौरान छात्रों को संस्कृनत नाट्य मंचन परम्प्रा की बारीकियों से विशेषज्ञों द्वारा अवगत करवाया गया। इसमें परम्पकरागत नाटकों में प्रयोग होने वाले मेकअप और वेशभूषा का भी ज्ञान दिया गया। उनको उच्चा रण एवं अभिनय कला के विषय पर विस्तृत रूप से समझाया गया।
आखिरी के दो दिनों में उक्तय नाटकों मध्यपमव्याभयोग और कर्णभारम् का मनमोहक मंचन हुआ। इस मंचन में प्रसिद्ध रंगकर्मी और मध्यनप्रदेश नाट्य विद्यालय के पूर्वनिदेशक आलोक चटर्जी और केन्द्री य संस्कृमत विश्वविद्यालय भोपाल परिसर के निदेशक प्रो. रमाकान्त् पाण्डेसय, विश्वनविद्यालय की प्रतिकुलपति संगीता जौहरी, डीन रूचि मिश्रा तिवारी बतौर विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुए। आलोक चटर्जी ने नाटक मंचन देखकर कहा कि छात्रों द्वारा जो नाटक में नवाचार किया वह बहुत अद्भुत है। प्रो रमाकान्तच पाण्डे य ने भी नाटक मंचन की प्रशंसा की और इन नाटकों को भारत के अनेक स्थापन पर करने की सलाह दी। अन्यड विशेषज्ञ ने भी छात्रों का प्रोत्सारहन किया।
इस कार्यशाला के अंतर्गत आयोजित दोनों नाटकों के मंचन में श्री शरद मिश्रा, अभिषेक देशमाने और नाट्यविद्यालय के स्टागफ और छात्रों का सहयोग देखने को मिला। कार्यशाला में 21 छात्रों ने भाग लिया। कार्यशाला का संयोजन डॉ संजय कुमार दुबे और डॉ सावित्री सिंह परिहार एवं सह संयोजन डॉ दीपक तिवारी ने किया। इसमें नाट्य निर्देशक के रूप में श्री मनोज नायर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।