भोपाल । लंबे समय से मध्यप्रदेश के अस्पतालों में चली आ रही डॉक्टरों की कमी अब कुछ हद तक दूर होगी और लोगों को अच्छा उपचार मिलने में आसानी होगी। लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने 371 चिकित्सकों के नियुक्ति आदेश जारी किए है। इन डाक्टरों की ज्वाइनिंग के बाद प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की सेवाओं में सुधार आने की उम्मीद जताई जा रही है। पदस्थापना के लिए एमपी आनलाइन के जरिए उम्मीदवारों को पसंदीदा अस्पताल के लिए आनलाइन विकल्प चार से छह अप्रैल के बीच देना होगा।
इसके बाद पीएससी में उनके अंकों के आधार तैयार मेरिट के अनुसार डाक्टरों की पदस्थापना की जाएगी। साल भर के भीतर पीएससी से दूसरी बार डाक्टरों की भर्ती की गई है। इसके पहले 632 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसमें कुल 495 चिकित्सा अधिकारी मिले थे। इनमें ज्वाइन 401 ने ही किया था। बाकी 94 चिकित्सकों के ज्वाइन नहीं करने पर शासन ने पिछले महीने उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी थी। उनकी जगह प्रतीक्षा सूची में शामिल उम्मीदवारों में से 64 को नियुक्ति आदेश जारी किए गए हैं।
इन्हें महीने भर के भीतर ज्वाइन करने को कहा गया है। अब देखना होगा कि इनमें कितने चिकित्सक सेवा में आते हैं। यह पहली बार नहीं है जब पीएससी से डाक्टरों की भर्ती में सभी पद नहीं भर पाए हों। 2011 से लेकर अब तक जितनी बार भी पद निकाले गए हैं, उनमें 50 से 60 फीसद ही भरे जा सके। इसकी वजह यह कि आरक्षित पदों में सभी पर डाक्टर मिलते नहीं हैं। दूसरी बात यह कि चयन होने के बाद भी करीब 20 प्रतिशत चिकित्सक सेवा में नहीं आते। कुछ ज्वाइन करने के बाद भी छोडकर चले जाते हैं।
नए डॉक्टरों की ज्चाइनिंग से यह फायदा होगा कि पीएससी से चयनित ज्यादातर चिकत्सा अधिकारियों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ किया जाएगा। इससे लोगों को इलाज करवाने में परेशानी हो रही है। गैर संचारी रोग जैसे बीपी, डायबिटीज,कैंसर आदि की पहचान के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से हर साल कराए जाने वाले परीक्षण अभियान में मदद मिलेगी।अभी लगभग 475 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टर नहीं हैं।