सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ई प्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: उपचार के अभाव में सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु अब बीते दिनों की बात होगी। सरकार शासकीय एवं आयुष्मान संबद्ध अस्पतालों का एक ऐसा देश व्यापी नेटवर्क बना रही है जिसमें सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को नि:शुल्क त्वरित उपचार मिल सकेगा और इसका खर्च सरकार वहन करेगी। इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल कार्यालय में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल प्रभाकर तिवारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी मनोज हुरमाड़े, नेशनल इनफॉरमेशन सेंटर के मनोज शर्मा, आईआरएडी से निदेशक गौतम , आयुष्मान भारत निरामयम से अक्षत मंडलोई सहित जिला स्तरीय अधिकारी सम्मिलित हुए।
बैठक में राष्ट्रीय एवं राजमार्गों पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली आकस्मिक मृत्यु को न्यूनतम करने के लिए भारत सरकार द्वारा क्रियान्वित इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डाटाबेस के विभिन्न पक्षों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। कार्यक्रम के तहत सड़क दुर्घटना में घायल मरीज को शासन द्वारा निर्धारित , न्यूनतम निश्चित राशि का नि:शुल्क उपचार मिल सकेगा। साथ ही सड़क दुर्घटना से जुड़ी कानूनी प्रक्रियाएं भी सरलीकृत होंगी।
बैठक में दुर्घटना में घायल मरीज को जल्द से जल्द उपचार दिलवाने के लिए नजदीकी अस्पताल से टैगिंग, आईआरएडी ऐप के सुचारू उपयोग, डाटा एंट्री, अस्पतालों के पंजीयन इत्यादि के बारे में चर्चा की गई।
बैठक में निदेशक प्रभाकर तिवारी ने कहा कि आयुष्मान भारत निरामयम योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों की टैगिंग प्राथमिकता से की जाए। जिससे कि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उपचार के लिए शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम राशि के अलावा 5 लाख तक के कैशलेस उपचार की अतिरिक्त सुविधा भी मिल सके। i RAD(integrated Road Accident Database) के तौर पर हो रही तैयारी को अब सरकार नें अपने eDAR (e Detailed Accident Report) में परिवर्तित कर दिया है।
इसके त्वरित क्रियान्वयन की समीक्षा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी प्रभाकर तिवारी द्वारा की गई जिसमे विभागीय नोडल अधिकारी मनोज हुरमाडे, प्रेमेन्द्र शर्मा समेत NIC से मनोज शर्मा, eDARसे श्री गौतम डे तथा आयुष्मान भारत निरामयम से अक्षत मंडलोई एवं सुश्री मनु शर्मा भी मौजूद थे। NIC के प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी दी कि इसके तहत भोपाल के सभी शासकीय एवं 145 आयुष्मान संबद्ध अस्पताल पंजीकृत किए जा चुके हैं तथा शेष के पंजीकरण की प्रक्रिया प्रगतिरत है।आयुष्मान भारत निरामयम के प्रतिनिधियों द्वारा जानकारी दी गई कि TMS-2 की टेस्टिंग का कार्य तीव्रता से चल रहा है तथा शीघ्र ही यह उपयोग हेतु उपलब्ध हो जाएगा।
डॉ. तिवारी द्वारा विभागीय अधिकारियों सुश्री शिल्पा यादव एवं छाया डांगी को शेष कार्य शीघ्र पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए गए। एनआईसी के प्रतिनिधियों द्वारा इसे भोपाल में पायलट किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे सीएमएचओ द्वारा तुरंत मान लिया गया। भारत एवं मध्य प्रदेश शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भोपाल जिला सदैव से अग्रणी रहा है और इससे उम्मीद की जाती है कि इस योजना के क्रियान्वयन में भी भोपाल एक नज़ीर पेश करेगा।

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