सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी ने शुरू की प्रेरणादायक बीएमएल मुंजाल व्याख्यान श्रृंखला

बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी (BMU), जो नवाचार, ज्ञान और नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रमुख संस्थानों में से एक है, ने अपने संस्थापक की विरासत को सम्मानित करते हुए बीएमएल मुंजाल व्याख्यान श्रृंखला का शुभारंभ किया। यह वार्षिक मंच बौद्धिक संवाद और परिवर्तनकारी विचारों को समर्पित है। इस प्रतिष्ठित श्रृंखला का उद्घाटन व्याख्यान वैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सतत विकास विशेषज्ञ प्रोफेसर जेफ्री सैक्स ने दिया, जिन्होंने “विकसित भारत” विषय पर भारत के सतत और समावेशी विकास के रोडमैप पर अपने विचार साझा किए।

शिक्षा से परे सीखने की शक्ति

इस अवसर पर बीएमयू के कुलपति, श्याम बी. मेनन ने कहा:

“बीएमएल मुंजाल व्याख्यान श्रृंखला, डॉ. बीएमएल मुंजाल की स्थायी विरासत को श्रद्धांजलि है। वे एक दूरदर्शी नेता, संस्थान निर्माता और अग्रणी उद्यमी थे, जो शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास रखते थे। उनका मानना था कि सीखने की प्रक्रिया केवल कक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह प्रेरित करने, चुनौती देने और भविष्य को आकार देने का कार्य भी करे। यह व्याख्यान श्रृंखला वैश्विक विचारकों, विद्वानों और बदलाव लाने वालों को एक मंच पर लाने के लिए बनाई गई है, जहां समसामयिक मुद्दों पर चर्चा हो, आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा मिले और नवाचार को बल मिले। हमारा उद्देश्य एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां विचारों को कार्यान्वित किया जा सके और अगली पीढ़ी के विचारकों और समस्या-समाधानकर्ताओं को प्रेरित किया जा सके।”

विकसित भारत की राह पर प्रो. जेफ्री सैक्स के विचार

अपने उद्घाटन भाषण में, प्रोफेसर जेफ्री सैक्स ने भारत की “विकसित भारत” बनने की आकांक्षाओं पर गहन चर्चा की और सतत आर्थिक नीतियों, तकनीकी प्रगति, और वैश्विक सहयोग की भूमिका को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा:

“भारत का 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनने का लक्ष्य एक साहसिक और अनुकूलनशील दृष्टिकोण की मांग करता है। सबसे बड़ी चुनौतियाँ पर्यावरणीय क्षरण और वैश्विक अस्थिरता हैं, लेकिन भारत के पास सतत विकास में अग्रणी बनने की अपार क्षमता है। एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की सफलता की तरह, भारत को भी राज्य और बाजार की गतिशीलता को प्रभावी ढंग से एकीकृत करना होगा। नवाचार, रणनीतिक नीतियां, और वैश्विक एवं क्षेत्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करके, भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो सकता है और एक स्थायी व समावेशी भविष्य का निर्माण कर सकता है।”

निष्कर्ष

बीएमएल मुंजाल व्याख्यान श्रृंखला एक ऐसा मंच प्रदान करती है, जहां वैश्विक विशेषज्ञ समकालीन मुद्दों पर अपने विचार साझा कर सकते हैं, जिससे भारत और दुनिया की भावी पीढ़ी को नवाचार और परिवर्तन की दिशा में प्रेरणा मिल सके।

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