प्रो. (डॉ.) भुवन चंद्र महापात्रा को प्रतिष्ठित एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड द पैसिफिक (AUAP) के रिसर्च एवं इनोवेशन समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। उनका यह कार्यकाल 1 जनवरी, 2025 से शुरू होकर 31 दिसंबर, 2026 तक रहेगा। भारत की ओर से प्रतिनिधित्व करते हुए प्रो. महापात्रा उच्च शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता, नवाचार और शोध की संस्कृति को प्रोत्साहित करेंगे।

इस नियुक्ति के तहत उनका मुख्य दायित्व एशिया-प्रशांत क्षेत्र की सांस्कृतिक विविधता और मूल्यों को संरक्षित और बढ़ावा देना है। AUAP विश्वविद्यालयों के बीच संवाद, सहयोग एवं उच्च शिक्षा के विकास के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक मंच है। अपने दो वर्षों के कार्यकाल में वे 7,223 से अधिक वैश्विक विश्वविद्यालयों के साथ जुड़कर शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में योगदान देंगे।

प्रो. महापात्रा वर्तमान में राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय में निदेशक, शोध के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने इंस्ट्रक्शनल टेक्नोलॉजी में भारत की पहली UNESCO मान्यता प्राप्त पीएच.डी. 1993 में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर से प्राप्त की थी। प्रो. महापात्रा की अकादमिक उपलब्धियों में 37 पुस्तकों का लेखन और 109 शोधपत्र शामिल हैं, जो राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं। उन्होंने अपने मार्गदर्शन में 32 शोधार्थियों को पीएच.डी. की उपाधि प्रदान की है।

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