भोपाल। त्योहारों के बीच मध्य प्रदेश में बिजली संकट गहरा सकता है। भारी देनदारियों, डैम में कम पानी और कंपनियों को सब्सिडी नहीं देने के चलते प्रदेश में कोयले की आपूर्ति जबरदस्त प्रभावित हो गई है। प्रदेश के 3 थर्मल पावर प्लांट कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन बंद हो गया है। सरकार फिलहाल निजी क्षेत्र से बिजली खरीदकर सप्लाई कर रही है।
गौरतलब है कि, सारणी पावर प्लांट की 200 मेगा वाट इकाई, 210 मेगा वाट इकाई, सिंगाजी पावर प्लांट के 600 मेगा वाट की इकाई और बिरसिंहपुर पावर प्लांट की एक इकाई में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट में एक से 2 दिन का कोयला बचा है। दरअसल, कोल इंडिया कंपनी और प्रायवेट जनरेटर से कोयला नहीं मिल पा रहा। क्योंकि, दोनों की सरकार पर करोड़ों की देनदारी हो गई है। सरकार को प्राइवेट जनरेटर को 1200 सौ करोड़ और कॉल इंडिया को 1000 करोड़ से ज्यादा का भुगतान करना है। भुगतान नहीं होने के कारण कोल इंडिया कंपनी ने कोयले की आपूर्ति में कटौती कर दी है।
ये राशि भी नहीं मिल रहा बिजली कंपनियों को
दूसरी ओर, उपभोक्ताओं और किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी के एवज में बिजली कंपनियों को सरकार से राशि नहीं मिल पा रही है। ये राशि भी करोड़ों में है। सरकार से सब्सिडी का पैसा नहीं मिलने के कारण प्राइवेट जनरेटर कोल इंडिया को भुगतान नहीं हो पा रहा है। इसका सीधा पावर प्लांट के बिजली पर पड़ा है। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में कुछ और इकाइयों में बिजली का उत्पादन ठप हो सकता है।
रबी सीजन में हो सकती है मुश्किल
प्रदेश में रबी का सीजन आने वाला है। इसके चलते अक्टूबर से बिजली की डिमांड बढ़ जाएगी। प्रदेश में फिलहाल 1 हजार 62 मेगा वाट बिजली की डिमांड है, जिसकी आपूर्ति की जा रही है। लेकिन, रबी सीजन में यह डिमांड बढ़ कर 16 से 17000 मेगावाट हो जाएगी। ऐसे में बिजली का उत्पादन कम हुआ तो बिजली संकट गहराने के पूरे आसार हैं। फिलहाल सरकार निजी क्षेत्र से बिजली खरीद कर आपूर्ति कर रही है।
पहले से जताई जा रही थी आशंका
बता दें, प्रदेश में कम बारिश के कारण कई डैम भी खाली हैं। ऐसे में हाइड्रो पावर प्लांट में भी बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इस वजह से आशंका है कि यदि सरकार की तरफ से बिजली कंपनियों को सब्सिडी की राशि का भुगतान नहीं होता तो प्रदेश में पावर जनरेशन के हालात बिगड़ सकते हैं। मध्य प्रदेश बिजली यूनाइटेड फोरम का कहना है कि प्रदेश में बिजली संकट गहराने की आशंका पहले से जताई जा रही थी। सरकार को बिजली कंपनियों के सब्सिडी की राशि तत्काल जारी करना चाहिए, ताकि थर्मल पावर प्लांट अपनी क्षमता के साथ बिजली का उत्पादन कर सकें।