कांकेर, । ग्राम स्तरीय प्रशासन को आम जनता से सीधे जोड़ने और पारदर्शी तथा संवेदनशील बनाने के लिए कलेक्टर चन्दन कुमार के मार्गदर्शन में जिले के ‘‘ग्रामीण सचिवालयों’’ को सक्रिय किया जाकर आम जनता को शासन-प्रशासन के नजदीक लाने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीण सचिवालयों के सक्रिय होने के बाद ग्रामीणों को अपनी समस्याओं, मांग एवं शिकायतों के निराकरण के लिए आवेदन पत्र देने के लिए अब जिला एवं तहसील स्तरीय कार्यालयों में अनावश्यक रूप से भटकने की जरूरत नहीं पड़ रही है। ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से ग्रामीणों की हर छोटी-बड़ी समस्याओं का निपटारा किया जा रहा है, साथ ही ग्राम स्तरीय प्रशासन में ग्रामीणों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जा रही है, इससे उनके समय और धन दोनों की बचत हो रही है।
ग्रामीण सचिवालय के लिए ग्राम पंचायत के सचिव को समन्वयक बनाया गया है जो ग्रामीण सचिवालय के लिए भी सचिव का कार्य कर रहे हैं। ग्रामीण सचिवालय में प्रत्येक सप्ताह के एक निर्धारित दिवस को मैदानी अधिकारी-कर्मचारी जैसे- पटवारी, ग्रामीण विकास विस्तार अधिकारी, ग्रामीण कृषि अधिकारी, हैण्डपंप मैकेनिक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, वनरक्षक, मितानीन, लाईनमेन, रोजगार सहायक इत्यादि ग्राम स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहते हैं और जनता से प्राप्त शिकायतों एवं समस्याओं संबंधी आवेदनों का निराकरण किया जाता है। प्रत्येक ग्रामीण सचिवालय के लिए जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारी के द्वारा मॉनिटरिंग किया जाता है। उप संचालक पंचायत से मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीण सचिवालय में जुलाई माह से अब तक 9072 आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।