सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : लोक सेवा प्रसारक प्रसार भारती के कर्मचारियों व अधिकारियों ने उनके साथ एक कटऑफ डेट 5 अक्टूबर 2007 के आधार पर हो रहे भेदभाव को दूर करने के लिए आज देशव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। राजधानी दिल्ली सहित देश के कई शहरों में आकाशवाणी व दूरदर्शन के कार्यालयों के सामने यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया।
भोपाल में भी प्रसार भारती के प्रोग्राम, इंजीनियरिंग व एडमिन कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों द्वारा बनाए गए एक संयुक्त मंच, जॉइन्ट एक्शन फोरम फॉर प्रसार भारती एम्प्लॉईस ने दूरदर्शन और आकाशवाणी केंद्र, भोपाल में यह प्रदर्शन किया। जॉइन्ट एक्शन फोरम फॉर प्रसार भारती एम्प्लॉईस ने 5 अक्टूबर की तारीख को काला दिवस के रूप में भी मनाने की घोषणा की क्योंकि इसी तारीख के बाद चयनित हुए कर्मचारियों के साथ प्रसार भारती भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की कई मांगें रहीं, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन, प्रमोशन और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए भारत सरकार की केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाली केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) का लाभ प्रमुख है।
ज्ञातव्य है कि प्रसार भारती एक स्वायत्त इकाई के रूप में 23 नवंबर, 1997 को अस्तित्व में आया। साल 2012 में प्रसार भारती एक्ट में संशोधन के साथ ही मंत्रिसमूह का एक फैसला लागू हुआ जिसमें फैसला लिया गया कि 5 अक्टूबर, 2007 से पहले जो कर्मचारी यहां काम कर रहे थे, वो भारत सरकार के और उसके बाद आने वाले कर्मचारी प्रसार भारती के कर्मचारी माने जाएंगे। इस तरह यहाँ दो तरह के सरकारी कर्मचारी काम करने लगे। एक केंद्रीय कर्मचारी और दूसरे प्रसार भारती के कर्मचारी।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर, 2007 के बाद भर्ती हुए प्रसार भारती कमर्चारियों की संख्या लगभग 2600 हैं। प्रसार भारती द्वारा किए जा रहे भेदभाव से परेशान इन कर्मचारियों ने प्रदर्शन के बाद अपनी माँगों को लेकर दिल्ली में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रसार भारती और देशभर में दूरदर्शन और आकाशवाणी के केंद्राध्यक्षों को एक ज्ञापन भी सौंपा।