नई दिल्ली । बिजली मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग ढांचे की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए संशोधित नियम जारी किए हैं। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के तेजी से प्रसार में मदद मिलेगी। संशोधित दिशानिर्देशों के तहत ईवी मालिक अपने निवास या कार्यालय के मौजूदा बिजली कनेक्शन का इस्तेमाल कर इन वाहनों को चार्ज कर सकेंगे।
इसके अलावा ईवी चार्जिंग अवसंरचना की स्थापना को लाइसेंस मुक्त भी कर दिया गया है। बिजली मंत्रालय ने कहा कि केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने 14 जनवरी को इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए चार्जिंग अवसंरचना के संशोधित समेकित दिशानिर्देश और मानक जारी किए हैं।
बयान में कहा गया कि इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य सुरक्षित, भरोसेमंद, सुलभ और किफायती चार्जिंग ढांचे को बढ़ावा देना है, ताकि देश तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपना सके।
कोई भी व्यक्ति या संस्था किसी लाइसेंस अनिवार्यता के बिना ही सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर सकते हैं, बशर्ते ऐसे स्टेशन तकनीकी के साथ सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों और प्रोटोकॉल को पूरा करते हों। इलेक्ट्रिक वाहनों की वृद्धि की अवधि में चार्जिंग स्टेशनों को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए इसके लिए इस्तेमाल की जाने वाली जमीन को राजस्व भागीदारी मॉडल बनाया गया है।
सरकारी या सार्वजनिक इकाइयों के पास मौजूद जमीन को सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) लगाने के लिए राजस्व भागीदारी मॉडल के आधार पर दिया जाएगा। इसके तहत भूमि का स्वामित्व रखने वाली एजेंसी को एक रुपए या केडब्ल्यूएच की निश्चित दर पर भुगतान किया जाएगा। पीसीएस यह भुगतान तिमाही आधार पर करेंगे। दिशानिर्देशों में आदर्श राजस्व भागीदारी करार को शामिल किया गया है।