मुंबई । भारत में वेब श्रृंखला में राजनीतिक प्रेरित नाटकों का चित्रण ओटीटी प्लेटफार्मों पर हालिया फ्लेवर है। जैसे-जैसे डिजिटल स्पेस कंटेंट पर पकड़ बना रहा है, निर्माता अब इस विषय पर बात करने से नहीं कतरा रहे हैं, क्योंकि स्क्रीन पर राजनीतिक मुद्दों का खुले हाथों से स्वागत हो रहा है। भारत में राजनीति और बॉलीवुड एक फेनोमेना है। लोगों के मन पर इसका प्रभाव कई गुना बढ़ता जा रहा है।
भारत राजनीति की उर्वर भूमि है और भारतीय हर बार राजनीतिक समाचारों में ज्यादा रूचि दिखाते हैं। इसी फायदे को देखते हुए पिछले कुछ महीनों में कंटेंट निर्माता सफल रहे हैं और ‘तांडव’, ‘सिटी ऑफ ड्रीम्स’, ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’, ‘महारानी’ जैसी कहानियां लोगों के सामने आई हैं। अभिनेत्री ऋचा चड्ढा, जिन्होंने फिल्म ‘मैडम चीफ मिनिस्टर’ में शीर्षक भूमिका निभाई थी, इस शैली से सहमत हैं और वो कहती है कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हर कोई राजनीति से प्रभावित होता है। ऋचा ने बताया, “लोग आमतौर पर राजनीतिक नाटकों को कहीं न कहीं पेचीदा इसलिए पाते हैं क्योंकि हम सभी राजनीति से प्रभावित होते हैं। हमें किस पार्टी ने राज्य में चुनाव जीता है,इससे फ र्क पड़ता है क्योंकि यही लोगों के बीच रहने की स्थिति में सुधार करते हैं।” अभिनेत्री ने साझा किया कि जब उनकी फिल्म रिलीज हुई, तब लोगों को एहसास हुआ कि फिल्म उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर आधारित नहीं थी।
उन्होंने कहा कि, “समाचार कई तरह में हमारे सामने आते है और समाचार केवल एक सेलिब्रिटी की हत्या या गपशप की तरह सीमित नहीं होते है। यह समाचार, राष्ट्रीय समाचार है जो वास्तव में सब कुछ प्रभावित करता है और यही राजनीतिक नाटकों को इतना लोकप्रिय बनाता है। जब मैडम चीफ मिनिस्टर रिलीज हुई तो लोगों ने फिल्म देखी, और उन्हें एहसास हुआ कि यह वास्तव में मायावती पर आधारित नहीं है।”भारत के पूर्व कानून और न्याय मंत्री बी.आर अम्बेडकर को अपने आदर्श के रूप में मानने वाली 34 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, “बहुत सी अटकलें थीं क्योंकि वे पिछले 10-20 वर्षों में नए समय से मशहूर राजनीतिक हस्तियों की पहचान कर सकते हैं, इसलिए मुझे लगता है कि राजनीतिक नाटक इतने लोकप्रिय हैं।” सोशल साइंटिस्ट अंकित शर्मा ने राजनीतिक काल्पनिक नाटकों के उद्भव की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि, “हम लड़ाई, शक्ति और न्याय के काल्पनिक कला रूप में एक सामाजिक जुड़ाव देखते हैं, जब वास्तव में एक समाज को इन प्रवृत्तियों को पूरी तरह से व्यक्त करने से दबा दिया जाता है। 2000 के दशक के दौरान हिंदी सिनेमा में कामुकता के साथ भी ऐसा ही हुआ था, जो एक आदर्श बन गया है।”
मशहूर अभिनेता सचिन पिलगांवकर, जिन्होंने ‘सिटी ऑफ ड्रीम्स’ में मुख्यमंत्री जगदीश गौरव की भूमिका निभाई हैं, उन्होंने शैली की लोकप्रियता के पीछे ‘संघर्ष’ को कारण बताया है। सचिन ने कहा, “यह संघर्ष की गाथा है जो एक राजनीतिक नाटक को इतना लोकप्रिय बनाती है। जिस किसी भी चीज में संघर्ष होगा, उसमें नाटक होगा और इसलिए यह दिलचस्प होगा और इसलिए लोग इसे देखेंगे। सिर्फ 2 एपिसोड देखने के बाद ही लोग फैसला करते हैं कि वे इसे देखना जारी रखेंगे या नहीं।” 63 वर्षीय अभिनेता ने जोर देकर कहा कि ऐसा कंटेंट बनाना महत्वपूर्ण है जो लोगों पर प्रभाव छोड़े।