सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई में एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर 9 एकड़ में फैला है। मोदी ने कहा कि भारत को समझने के लिए अध्यात्म को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा ही सच्चे सेक्युलरिज्म का प्रतीक है। सरकार भी इस्कॉन की तरह सेवा के भाव से काम कर रही है।
PM ने कहा- जब देश गुलामियों की बेड़ियों में जकड़ा था, तब प्रभुपाद जी स्वामी इस्कॉन जैसा मिशन शुरू किया। इस मंदिर में भी अध्यात्म और सभी परंपरा के दर्शन होते हैं। यहां रामायण, महाभारत का म्यूजियम बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को नवी मुंबई में एशिया के दूसरे सबसे बड़े इस्कॉन मंदिर का उद्घाटन किया। यह मंदिर 9 एकड़ में फैला है। मोदी ने कहा कि भारत को समझने के लिए अध्यात्म को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा ही सच्चे सेक्युलरिज्म का प्रतीक है। सरकार भी इस्कॉन की तरह सेवा के भाव से काम कर रही है।
PM ने कहा- जब देश गुलामियों की बेड़ियों में जकड़ा था, तब प्रभुपाद जी स्वामी इस्कॉन जैसा मिशन शुरू किया। इस मंदिर में भी अध्यात्म और सभी परंपरा के दर्शन होते हैं। यहां रामायण, महाभारत का म्यूजियम बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा:-
3. इस्कॉन ने एक-दूसरे से जुड़ने का सूत्र सिखाया
दुनियाभर में फैले इस्कॉन के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति की डोर से बंधे हैं। उन सबको एक-दूसरे से कनेक्ट रखने वाला एक और सूत्र है, जो 24 घंटे हर भक्त को दिशा दिखाता रहता है। ये श्रीला प्रभुपाद स्वामी के विचारों का सूत्र है। उन्होंने उस समय वेद-वेदांत और गीता के महत्व को आगे बढ़ाया, जब देश गुलामी की बेड़ियों में जकड़ा था। उन्होंने भक्ति वेदांत को जनसामान्य की चेतना से जोड़ने का अनुष्ठान किया।
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