सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में सोमवार को आयोजित युग्म सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाग लिया और देश की शिक्षा प्रणाली को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों को रेखांकित किया। इस सम्मेलन में शिक्षा, उद्योग, अकादमिक संस्थानों और नवाचार क्षेत्र से जुड़े प्रमुख प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसकी युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है और उन्हें तैयार करने के लिए शिक्षा प्रणाली की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में अनुसंधान और विकास (R&D) पर खर्च 60,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।
उन्होंने “वन नेशन, वन डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर” की परिकल्पना के तहत दीक्षा मंच और पीएम ई-विद्या जैसे प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक डिजिटल अनुभव उपलब्ध कराने की बात कही। साथ ही, उन्होंने नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा 1 से 7 तक की नई पाठ्यपुस्तकों के प्रकाशन की जानकारी भी दी।
सम्मेलन के दौरान आईआईटी कानपुर और आईआईटी मुंबई में सुपरहब परियोजनाओं की शुरुआत की गई। इन परियोजनाओं के लिए वाधवानी फ़ाउंडेशन और सरकारी संस्थानों द्वारा कुल 1400 करोड़ रुपये का संयुक्त निवेश किया गया है। युग्म सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सहयोग को सशक्त बनाना है।
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