सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अजमेर दरगाह विवाद के बीच पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से आज (शनिवार) यहां चादर पेश की जाएगी। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू उनकी चादर लेकर विमान से जयपुर पहुंचे। यहां से सड़क मार्ग से अजमेर के लिए रवाना हो गए।

जयपुर एयरपोर्ट पर रिजिजू ने कहा- पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है। हम देश में अच्छा माहौल चाहते हैं। अजमेर में दरगाह पर लाखों लोग आते हैं। उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐप और वेब पोर्टल लॉन्च किया जा रहा है। इस पर दरगाह पर मिलने वाली सुविधाओं से लेकर अन्य सभी तरह की जानकारियां मिलेंगी। रिजिजू दरगाह के वेब पोर्टल और जायरीनों के लिए ‘गरीब नवाज’ ऐप भी लॉन्च करेंगे। इसके अलावा उर्स के लिए ऑपरेशन मैनुअल भी जारी करेंगे।

जयपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है।
जयपुर एयरपोर्ट पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा- पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है।

शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी और कमेटी के सदस्यों ने बुधवार रात (1 जनवरी) को रजब का चांद दिखाई देने के साथ ही उर्स का ऐलान किया था। इसके बाद बड़े पीर साहब की पहाड़ी से तोप के गोले दागे गए थे। इस दिन सुबह ही जायरीनों के लिए जन्नती दरवाजा खोल दिया गया था। दूसरे दिन 2 जनवरी की सुबह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक इंद्रेश कुमार और बॉलीवुड की तरफ से चादर पेश की गई थी।

अजमेर दरगाह में 813वें उर्स के मौके पर जन्नती दरवाजा जायरीनों (श्रद्धालुओं) के लिए खोल दिया गया। सामान्य दिनों में यह दरवाजा बंद रहता है।
अजमेर दरगाह में 813वें उर्स के मौके पर जन्नती दरवाजा जायरीनों (श्रद्धालुओं) के लिए खोल दिया गया। सामान्य दिनों में यह दरवाजा बंद रहता है।

रिजिजू बोले- अनेकता में एकता हमारी संस्कृति मंत्री रिजिजू सुबह 11 बजे दरगाह शरीफ पर चादर पेश करेंगे। जयपुर एयरपोर्ट पर रिजिजू ने कहा- अजमेर में उर्स के दौरान गरीब नवाज की दरगाह पर जाना देश की पुरानी परंपरा है। मुझे पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाने का मौका मिला है। यह सद्भावना, भाईचारे संदेश है। शुक्रवार को मैंने दिल्ली में हजरत निजामुद्दीन की दरगाह का दौरा किया था। चादर चढ़ाई, और दुआ मांगी। उर्स के मुबारक मौके पर हम देश में अच्छा माहौल चाहते हैं। अनेकता में एकता हमारी संस्कृति है। सभी समुदाय के लोग गरीब नवाज से दुआ मांगते हैं। पीएम मोदी की ओर से चादर चढ़ाना पूरे देश की ओर से चादर चढ़ाने जैसा है।

अजमेर पहुंचे किरेन रिजिजू

पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से चादर पेश करने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर पहुंच चुके हैं।

वेब पोर्टल पर होगा गरीब नवाज का जीवन परिचय

  • दरगाह शरीफ के वेब पोर्टल पर अकीदतमंदों को ख्वाजा साहब के जीवन परिचय के साथ उनके बारे में पूरी जानकारी मिलेगी।
  • दरगार से संबंधित हर छोटी-बड़ी सुविधाओं के बारे में जानने के लिए आपको भटकना नहीं होगा।
  • इस पोर्टल पर गेस्ट हाउस बुकिंग से लेकर अन्य सुविधाओं के बारे में आप जान सकेंगे।
  • ऑनलाइन बुकिंग भी करा सकेंगे। इसके अलावा देश-विदेश में बैठे लोग दरगाह शरीफ का सीधा प्रसारण भी देख सकेंगे।

दरगाह विवाद को लेकर सुनवाई 24 जनवरी

  • अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने याचिका दायर की थी।
  • अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य मानते हुए सुनवाई की अगली तारीख 20 दिसंबर 2024 तय की थी।
  • इसमें मजिस्ट्रेट मनमोहन चंदेल ने याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षों के वकीलों की दलील सुनकर अगली सुनवाई की तारीख 24 जनवरी 2025 तय की है।
  • गुप्ता ने प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेजने के खिलाफ भी कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।

उमर अब्दुल्ला बोले थे- दबाव में न आएं पीएम

  • जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था- ख्वाजा गरीब नवाज से कई समुदायों की भावनाएं जुड़ी हैं।
  • उम्मीद है- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और अजमेर दरगाह पर चादर भेजने की परंपरा जारी रखेंगे।
  • अजमेर दरगाह में सिर्फ एक धर्म के लोग ही नहीं जाते हैं।

याचिकाकर्ता का दावा- तथ्य साबित करते हैं कि दरगाह की जगह पहले मंदिर था

  • हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता का कहना है कि 2 साल की रिसर्च और रिटायर्ड जज हरबिलास शारदा की किताब में दिए गए तथ्यों के आधार पर याचिका दायर की है।
  • किताब में इसका जिक्र है कि यहां ब्राह्मण दंपती रहते थे और दरगाह स्थल पर बने महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना करते थे।
  • इसके अलावा कई अन्य तथ्य हैं, जो साबित करते हैं कि दरगाह से पहले यहां शिव मंदिर रहा था।

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