प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 23 वर्षों का कार्यकाल भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा सकता है। 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शुरूआत करने वाले मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने और तब से उन्होंने भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज पर गहरा प्रभाव डाला है। यह अवसर उनके सुधारों और विकास योजनाओं का जश्न मनाने का है, जो आज भारत को वैश्विक मंच पर एक मजबूत स्थिति में खड़ा करते हैं।

आर्थिक सुधार और वैश्विक पहचान

मोदी के कार्यकाल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धियों में उनके आर्थिक सुधारों पर जोर देना शामिल है। मेक इन इंडिया अभियान, जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) और आईबीसी (दिवालिया एवं शोधन अक्षमता संहिता) जैसे सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को नए आयाम दिए हैं। इन पहलों ने भारत को निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य बनाया है, जिससे वैश्विक स्तर पर देश की स्थिति में सुधार हुआ है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मोदी सरकार ने देश की आत्मनिर्भरता बढ़ाने पर जोर दिया, जिससे भारतीय विनिर्माण और उत्पादन को प्रोत्साहन मिला। इसका उद्देश्य भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करना है।

सामाजिक कल्याण: समावेशिता और सशक्तिकरण

मोदी सरकार की कई योजनाओं ने समाज के निचले तबके के लोगों को सशक्त किया है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत करोड़ों लोगों के बैंक खाते खोले गए, जिससे उन्हें वित्तीय सेवाओं तक पहुंच मिली। स्वच्छ भारत अभियान, उज्ज्वला योजना, और प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी योजनाओं ने न केवल बुनियादी सुविधाएं प्रदान की हैं, बल्कि निचले वर्ग के जीवन स्तर में भी सुधार किया है।

आधारभूत संरचना और तकनीकी प्रगति

मोदी सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। भारतमाला और सागरमाला परियोजनाओं के माध्यम से सड़क और पोर्ट विकास को बढ़ावा दिया गया है। डिजिटल इंडिया अभियान ने तकनीकी प्रगति और डिजिटलीकरण को प्रोत्साहित किया, जिससे भारत डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर हो रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति

मोदी सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में कड़े कदम उठाए हैं, खासकर आतंकवाद और सीमा सुरक्षा के मुद्दों पर। उनकी सरकार ने बालाकोट हवाई हमलों जैसे कठोर निर्णय लेकर देश की सुरक्षा को सुनिश्चित किया है।

विदेश नीति के मोर्चे पर, मोदी ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने और वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका को मजबूत करने पर जोर दिया है। अमेरिका, इज़राइल और जापान जैसे देशों के साथ संबंधों ने भारत की कूटनीतिक स्थिति को मजबूत किया है।

निष्कर्ष: एक दृष्टिकोणशील नेतृत्व की विरासत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 23 वर्षों का कार्यकाल न केवल उनके नेतृत्व की सफलता की कहानी है, बल्कि भारत के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है। उनकी नीतियों और सुधारों ने भारत को आत्मनिर्भर, प्रगतिशील और मजबूत राष्ट्र के रूप में स्थापित किया है। आने वाले समय में भी मोदी का नेतृत्व भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सक्षम होगा।