भोपाल । शहर में मेट्रो लाइन के 80 फीसदी हिस्से में पिलर खड़े हो चुके है। एम्स से लेकर सुभाष नगर रेलवे फाटक तक पहली लाइन के लिए भी गार्डर लांच किए जा चुके हैं। इस काम पर अब तक करीब 500 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। विशेषज्ञों की माने तो आगामी दो महीने भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए अहम होंगे। निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए 2500 करोड़ रुपये के तीन टेंडर अप्रैल माह में जारी कर दिए जाएंगे। बता दें कि अभी भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में आठ किलोमीटर, एम्स से सुभाष नगर तक पिलर व रेलवे लाइन डालने का काम किया जा रहा है।

इसके बाद सुभाष नगर से करोंद चौराहा तक करीब सात किलोमीटर की अंडर ग्राउंड लाइन डाली जाएगी। वहीं दूसरे चरण में रत्नागिरी चौराहा से भदभदा तक करीब 12 किलोमीटर का रूट बनाने का काम होगा। सरकार ने इस रेल प्रोजेक्ट के तहत दो रूटों पर मेट्रो संचालन वर्ष 2024 में शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इस प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2022 अहम साबित हो सकता है। आगामी दो महीनों में इसमें करीब 2500 करोड़ रुपये से काम शुरू होंगे। इसमें मेट्रो ट्रेन के संचालन एवं रखरखाव, सिग्नलिंग, ट्रेन नियंत्रण और दूर संचार प्रणाली, रेलवे ट्रैक पर पावर सप्लाई और मेट्रो रेल के लिए डिपो के लिए टेंडर जारी किया जाना है।

अधिकारियों का कहना है कि पहले चरण में एम्स से लेकर सुभाष नगर तक आठ किलोमीटर के रूट का सिविल वर्क मार्च आखिरी तक पूरा कर लिया जाएगा। राजधानी में मेट्रो संचालन को लेकर साल 2024 तक की समयसीमा निर्धारित की गई थी। लेकिन कोरोना काल में लाकडाउन व रास्ते से अतिक्रमण नहीं हटने की वजह से काम काफी पिछड़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि 2024 तक पहले चरण में मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए एम्स से सुभाष नगर तक कर्षण एवं बिजली आपूर्ति के लिए 700 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। इसमें मेट्रो के लिए सब स्टेशन भी बनाने का प्रविधान है।

इसके साथ ही 1300 करोड़ रुपये से रोलिंग स्टाक का काम होगा। इससे रूट में ट्रेन नियंत्रण एवं दूर संचार प्रणाली का विस्तार किया जाएगा। एम्स से सुभाष नगर अंडरब्रिज तक आठ मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इनमें एम्स, अलकापुरी, डीआरएम आफिस, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, डीबी सिटी, एमपी नगर जोन-1, आयकर भवन और सुभाष नगर अंडरब्रिज शामिल हैं। 2022 के आखिरी महीने तक इन स्टेशनों का निर्माण पूरा करना है। यह स्टेशन 100 मीटर लंबे और 14 मीटर चौड़े होंगे। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन और डीबी सिटी पर फुटओवर ब्रिज बनाए जाएंगे। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन को भोपाल मेट्रो से जोड़ने की योजना है।

स्टेशन के ठीक सामने मेट्रो की लाइन रहेगी। पिलर का काम करीब पूरा हो गया है। ऊपर के स्लैब लगते ही रानी कमलापति स्टेशन से मेट्रो लाइन कनेक्ट हो जाएगी। सुभाष नगर अंडर ब्रिज के पास स्थित आजाद नगर बस्ती को शहर के दूसरे स्थान पर विस्थापित किया जाएगा। यहां अतिक्रमण होने से मेट्रो प्रोजेक्ट में अभी रुकावट आ रही है। यहां करीब ढाई एकड़ जमीन पर मेट्रो ट्रेन के लिए डिपो तैयार होगा। इसमें चार मेट्रो खड़ी करने की क्षमता होगी। अप्रैल में इसके लिए टेंडर जारी होंगे। तीन साल में निर्माण एजेंसी को यहां डिपो तैयार करना होगा। शहर के तीन स्थानों पर आल इंडिया रेडियो के पास, करोंद में केंद्रीय कृषि संस्थान और सुभाष नगर फाटक स्थित डिपो की जमीन पर बिजली का सब स्टेशन बनाया जाना है। इस बारे में भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना एमडी छवि भारद्वाज का कहना है कि साल 2024 तक भोपाल में मेट्रो का संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

इसके लिए एम्स से करोंद तक करीब 15 किलोमीटर के प्रायोरिटी रूट पर अभी काम चल रहा है। इसमें एम्स से सुभाष नगर तक आठ किलोमीटर का सिविल वर्क अप्रैल माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद रोलिंग स्टाक, ट्रेन सिग्नलिंग सिस्टम, ट्रैक्शन एंड पावर सप्लाई और डिपो के निर्माझा के लिए टेंडर जारी होंगे। मई में ये सभी काम शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए इच्छुक एजेंसियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।