भोपाल । राज्य सरकार अब प्रदेश भर के सभी जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपिस्ट की भर्ती करने जा रही है ताकि अस्पतालों में भर्ती मरीजों को फिजियोथेरेपी करवाने में मदद मिल सके। सभी जिला अस्पतालों में एक महिला और एक पुरुष फिजियोथेरेपिस्ट पदस्थ किए जाएंगे। इसका सबसे बड़ा फायदा अस्पताल में आने वाले बुजुर्ग और हड्डी की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को होगा।
अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में बनाई गई फिजियोथेरेपी यूनिट में फिजियोथैरेपिस्ट पदस्थ करने का निर्णय लिया गया है। महिलाओं और पुरुषों की फिजियोथरेपी के लिए अलग-अलग महिला और पुरुष फिजियोथैरेपिस्ट होंगे। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की तरफ से 78 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन्हें 1 साल के लिए संविदा पर पदस्थ किया जाएगा। इसके बाद सेवाओं को देखते हुए सेवा विस्तार किया जाएगा।
फरवरी में 34 पदों पर भर्ती शुरू की गई थी जिसे गुरुवार को बढ़ाकर 78 कर दिया गया है। स्वास्थ्य वभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में फिजियोथेरेपी यूनिट 2014 से लेकर 2021 के बीच बन चुकी हैं, लेकिन इनमें फिजियोथैरेपिस्ट की जगह नर्सों से यह काम कराया जा रहा था। करीब 15 जिला अस्पतालों में ही फिजियोथैरेपिस्ट पदस्थ थे। बुजुर्गों की देखभाल के लिए चलाए जा रहे हैं जिरियाट्रिक कार्यक्रम, गैर संचारी रोग क्लीनिक और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिए फिजियोथेरेपी की सुविधा भी हो जाएगी।
बता दें कि अभी छोटे जिलों में ना तो सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा है और ना ही निजी तौर पर फिजियोथैरेपिस्ट मिलते हैं। इस वजह से उन्हें अपने घर पर ही डॉक्टर की सलाह पर फिजियोथेरेपी करनी पड़ती है, जिससे ज्यादा फायदा उन्हें नहीं मिल पाता है।