सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंदौर में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के लिए जासूसी करने के मामले में फंसी लॉ इंटर्न सोनू मंसूरी को सुप्रीम कोर्ट से राहत तो मिली, लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर रद्द नहीं की गई। मंसूरी को वकील की ड्रेस में कोर्ट रूम में वीडियो बनाते हुए पकड़ा गया था। तलाशी के दौरान उसकी जेब से 1.16 लाख रुपये नकद भी मिले थे।
यह मामला जनवरी 2023 से शुरू हुआ, जब सोनू मंसूरी को इंदौर जिला कोर्ट में धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले एक मामले की सुनवाई के दौरान वीडियो और फोटो बनाते हुए पकड़ा गया। पुलिस की जांच में सामने आया कि वह यह वीडियो प्रतिबंधित संगठन पीएफआई के लिए बना रही थी।
मंसूरी के पास से मिले नकद पैसों और वीडियो बनाने को लेकर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 410, 420 और 120बी के तहत केस दर्ज किया। नवंबर 2023 में एमजी रोड थाना पुलिस ने जिला कोर्ट में चालान पेश किया था, जिसके बाद से ट्रायल चल रहा है।
पिछली सुनवाई 9 सितंबर 2024 को हुई थी और अगली सुनवाई 6 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है। इस मामले में अब तक 8 सुनवाई हो चुकी हैं, लेकिन तीन-तीन महीने आगे की तारीखें लग रही हैं।
सोनू मंसूरी को मार्च 2023 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत के बाद उसने मीडिया से बातचीत में कहा कि पूछताछ के दौरान उससे नमाज, मदरसा, पाकिस्तान और पीएफआई से जुड़े सवाल पूछे गए थे। हालांकि, उसने दावा किया कि उसका इन सब से कोई संबंध नहीं है।
इस मामले ने शहर में हलचल मचा दी है, और अब अगली सुनवाई का इंतजार किया जा रहा है।