नई दिल्ली । वै‎श्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार तेजी से इजाफा होता जा रहा है। रूस पर यूक्रेन के हमले की वजह से बुधवार को वै‎श्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल के भी पार निकल गया। इसके चलते भारत में जल्दी ही डीजल और पेट्रोल की कीमतों का बढ़ना लगभग तय हो चुका है। आंकड़ों को देखने पर पता चलता है ‎कि पेट्रोल की कीमतों में आने वाले दिनों में 30 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है।
क्रूड ऑयल 02 दिसंबर 2021 को 70 डॉलर के आसपास था, लेकिन अभी यह 110 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल चुका है। दिल्ली में डीजल-पेट्रोल के दाम में 02 दिसंबर के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार ने एक दिसंबर को डीजल और पेट्रोल पर वैट में कटौती की थी। उसके बाद से दिल्ली में इनके दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तब से अब तक क्रूड 57 फीसदी से ज्यादा महंगा हो चुका है। मौजूदा नीति के हिसाब से सरकारी तेल कंपनियां क्रूड ऑयल की वैश्विक कीमतों के अनुसार डीजल-पेट्रोल की खुदरा दरों में बदलाव करती हैं। माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब समेत 5 राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं की जा रही है।
हालांकि, इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। अब इस बात की आशंका है कि जैसे ही 7 मार्च को आखिरी चरण का मतदान होगा। सरकारी तेल कंपनियां तेजी से पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने लगेगी। करीब 3 महीने पहले देश के कई राज्यों में पेट्रोल और डीजल के भाव 100 रुपए प्रति लीटर के स्तर को पार कर गए थे। केंद्र सरकार ने 03 नवंबर 2021 को पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने का ऐलान किया था।
इस कदम के बाद कई राज्य सरकारों ने भी वैट में कटौती की थी। इससे आम लोगों को रिकॉर्ड महंगे डीजल-पेट्रोल से राहत मिली थी। ले‎किन अब जिस हिसाब से क्रूड ऑयल के दाम दिसंबर के बाद से बढ़े हैं, अगर सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल के दाम उसी तरह बढ़ाए तो जल्दी ही इसमें 30 रुपए से ज्यादा की तेजी आ सकती है।