भोपाल । राजधानी के लोग कोरोना से बचाव के टीके का दूसरा डोज लगवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। ऐसा लग रहा है ‎कि शहर के लोगों के मन से कोरोना वायरस की तीसरी लहर का डर समाप्त हो गया है। यही वजह है ‎कि लोग टीकाकरण करवाने नहीं पहुंच रहे हैं। ये हालात तब है जबकि कोरोना संक्रमण के लिहाज से भोपाल प्रदेश में सबसे ज्यादा संवेदनशील है। इसकी बड़ी वजह यह है कि राजधानी होने के नाते यहां पर प्रदेशभर के लोग प्रशासनिक काम और धरना-प्रदर्शन आदि के मकसद से आते हैं। भोपाल में कोविशील्ड के एक लाख 2 हजार और कोवैक्सीन के 48000 दूसरे डोज लंबित हो चुके है। यानी भोपाल में डेढ़ लाख ऐसे लोग हैं, जिन्‍हें वैक्‍सीन का फर्स्‍ट डोज लग चुका है, लेकिन वे दूसरा डोज लगवाने टीकाकरण केंद्र नहीं पहुंचे हैं। अब स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम से 20 कर्मचारियों की टीम फोन करके टीका का दूसरा डोज लगवाने के लिए इन्हें बुला रही है। एक कर्मचारी हर दिन 200 लोगों को फोन कर रहा है। यानी रोज 4000 लोगों को फोन किया जा रहा है। भोपाल में रविवार को कोरोना का टीकाकरण नहीं होगा। सोमवार को 19000 लोगों को कोविशील्ड का पहला और दूसरा डोज लगाए जाएगा, जबकि कोवैक्सीन का सिर्फ दूसरा डोज करीब 10000 लोगों को लगाया जाएगा। मंगलवार से रशीदिया स्कूल में सुबह 9 से रात 9 बजे तक टीकाकरण करने की तैयारी है। इस संबंध में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ उपेंद्र दुबे ने बताया कि कोविन पोर्टल में दर्ज जानकारी के अनुसार भोपाल में डेढ़ लाख लोगों का दूसरा डोज लंबित है, लेकिन हकीकत में यह आंकड़ा 1,30,000 ही है। पोर्टल में जानकारी अपडेट नहीं होने की वजह से लंबित डोज वाले लोगों की संख्या ज्यादा दिख रही है।