भोपाल । शहर के सबसे पुराने हमीदिया अस्पताल में मरीजों को सभी सुविधाएं एक जगह पर उपलब्ध कराई जाएगी। यहां आने वाले मरीजों को  इलाज के लिए यहां से वहां भटकना नहीं पड़ेगा। हमीदिया अस्पताल में ओपीडी से लेकर दवा वितरण केंद्र, वार्ड और जांच के लिए बनी सेंट्रल पैथोलॉजी लैब तक समर्पित गलियारा बनाया जाएगा। इसमें सिर्फ मरीज और उनके स्वजन पैदल चल सकेंगे। मरीज को कौन सी सुविधा कहां पर मिलेगी, इसके लिए गलियारे में संकेत बोर्ड लगाए जाएंगे।

गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति के अध्यक्ष और भोपाल के संभाग आयुक्त गुलशन बामरा ने इसकी रूपरेखा बनाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग और पीआइयू (प्रोजेक्‍ट इंप्‍लिमेंटेशन यूनिट) के अधिकारियों को दिए हैं। दो दिन पहले हुई गांधी मेडिकल कॉलेज की स्वशासी समिति की साधारण सभा की बैठक में भी इसे मंजूरी मिल गई है। बैठक में यह भी तय किया गया है कि कोई भी नया भवन बनेगा तो इसमें संकेत बोर्ड और मरीजों के आने-जाने की सुविधा के लिए तीन प्रतिशत राशि भवन के कुल निर्माण लागत में से रखी जाएगी।

यानी अगर 10 लाख रुपए से कोई भवन बनाया जा रहा है तो उसमे 30000 रुपये इसी पर खर्च किए जाएंगे। हमीदिया अस्पताल में मरीजों से जुड़ी सभी सुविधाएं बिखरी हुई हैं। ओपीडी चार भवनों में संचालित है। जांच के लिए मरीजों को गांधी मेडिकल कॉलेज और सेंट्रल पैथोलॉजी लैब में जाना होता है। कैंसर वार्ड कमला नेहरू अस्पताल में है, जबकि सर्जरी और मेडिसिन के वार्ड पुराने अस्पताल में है।

मरीजों को यह भी पता नहीं होता कि जांच के लिए बिल का भुगतान कहां होगा।इसी तरह से एक्सरे और सोनोग्राफी कमला नेहरू अस्पताल में भूतल पर होती है। यही स्थिति वार्डो की है। ट्रामा एवं इमरजेंसी वार्ड ट्रामा बिल्डिंग में है। नाक कान एवं गला विभाग और नेत्र विभाग के वार्ड 2000 बिस्तर वाले नए भवन के ब्लॉक बी में है।