सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: स्वतंत्रता दिवस पर, जब पूरा देश देशभक्ति के रंग में डूबा होता है, हमें यह याद रखना चाहिए कि स्वतंत्रता केवल एक राजनीतिक या सामाजिक अधिकार नहीं है। यह एक कर्तव्य भी है—प्रकृति के प्रति, इस धरती के प्रति, जिस पर हम सभी निर्भर हैं। स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे पूर्वजों की बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने हमें यह स्वतंत्रता दी है। लेकिन अब, हमें इस स्वतंत्रता का सही मायने में उपयोग करना है और अपने कर्तव्यों को निभाना है, विशेषकर पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में।
आज, जब हम विकास और आधुनिकता की ओर बढ़ रहे हैं, हमारा पर्यावरण गंभीर संकट का सामना कर रहा है। प्रदूषण, वनों की कटाई, जल संकट, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे हमारे सामने चुनौती बनकर खड़े हैं। इस स्थिति में, हमारे समाज के जिम्मेदार नागरिकों के रूप में, हमें यह समझना होगा कि विकास और पर्यावरण संरक्षण एक दूसरे के विरोधी नहीं हैं, बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं।
स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर, वीरजी साहिब का संदेश हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने ‘ईग्रेगोर प्रभाव’ के सिद्धांत के माध्यम से यह बताया है कि सामूहिक प्रार्थना का प्रभाव हमारे पर्यावरण के संतुलन पर पड़ता है। यह एक गहन विचार है कि हमारी प्रार्थनाओं और सकारात्मक विचारों का प्रभाव न केवल हमारे व्यक्तिगत जीवन पर, बल्कि पूरे पर्यावरण पर भी पड़ता है।
इसलिए, हमें इस स्वतंत्रता दिवस पर यह संकल्प लेना चाहिए कि हम न केवल अपने कार्यों से बल्कि अपने विचारों और प्रार्थनाओं से भी पर्यावरण संरक्षण में योगदान देंगे। हमारी स्वतंत्रता का असली अर्थ तभी पूरा होगा जब हम एक स्वस्थ, संतुलित, और समृद्ध पर्यावरण के साथ स्वतंत्र जीवन जी सकें।
हम सभी इस स्वतंत्रता दिवस पर वीरजी साहिब के संदेश को अपने जीवन में अपनाएं और पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होकर प्रयास करें। यह हमारा नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है और यही हमारे पूर्वजों के बलिदान का सच्चा सम्मान होगा।