आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : अक्षय कुमार ने अपने परिवार के संघर्षों को लेकर बात की है। उन्होंने बताया कि कैसे पूरा परिवार दिल्ली के चाइना चौक में सिर्फ एक कमरे में ही रहता था। साथ में उन्होंने ये भी बताया कि उनका सपना एक्टर बनने का नहीं था। वो एक मार्शल आर्ट टीचर बनना चाहते थे।
7वीं में फेल हो गए थे, एक्टर नहीं मार्शल आर्ट टीचर बनाना चाहते थे
ANI News को दिए इंटरव्यू में अक्षय ने बताया कि वो 7वीं क्लास में फेल हो गए थे। इस कारण दोबारा से उन्हें इसी क्लास में पढ़ना पढ़ा था। इस बात से नाराज को पिता ने उन्हें मारने दौड़े थे।
नाराज पिता अक्षय से पूछ बैठे थे कि उन्हें क्या बनना है, क्योंकि उनका मन पढ़ाई में बिल्कुल नहीं लगता था। बिना कुछ सोचे अक्षय ने जवाब दिया कि उन्हें एक्टर बनना है। हालांकि इस वक्त दूर-दूर तक उनके मन में एक्टर बनने का ख्याल नहीं था। उनका सपना मार्शल आर्ट टीचर बनने का था।
परिवार के 24 लोगों एक ही कमरे में रहते थे
अक्षय ने आगे बताया कि दिल्ली में उनके परिवार में 24 लोग थे और पूरा परिवार एक ही कमरे में रहता था। पैसे अधिक नहीं थे, इसके बावजूद सब खुशी के साथ रहते थे।
खाने के पैसे बचाकर फिल्म के लिए टिकट खरीदते
अक्षय ने कहा कि वो एक्टर तो नहीं बनना चाहते थे लेकिन उन्हें फिल्में देखने का बहुत शौक था। मुंबई में वो जहां रहते थे, वहां से पास में रुपम सिनेमाहाॅल था। हर शनिवार वो अपनी बहन के साथ फिल्म देखने जरूर जाते थे। हालांकि इसके लिए वो दिन में खाना नहीं खाते थे। खाने के बचाए हुए पैसों से वो दोनों टिकट खरीदते थे, फिर फिल्म देखते थे। उस दौर की लगभग सभी फिल्में उन्होंने देखी थीं।
18,000 उधार लेकर पिता ने भेजा बैंकॉक
अक्षय कुमार मार्शल आर्ट सीखना चाहते थे, लेकिन मिडिल क्लास परिवार के लिए इसका खर्च उठा पाना मुश्किल था। उस समय भारत के पास बैंकॉक सबसे सस्ता देश था, तो पिता ने अक्षय को मार्शल आर्ट सीखने वहीं भेजा। भारत से बैंकॉक की टिकट उस वक्त 22,000 रुपए थी, लेकिन उनके परिवार के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी। ऐसे में पिता ने 18,000 रुपए उधार लेकर अक्षय के लिए बैंकॉक की टिकट ली थी।
अक्षय मुंबई वेटर की नौकरी करने आए थे लेकिन किस्मत से यहां उन्हें फिल्मों में काम मिल गया। फिल्मों में आने से पहले कुछ समय तक उन्होंने माॅडलिंग भी की थी। 1991 की फिल्म सौगंध से डेब्यू करने के बाद अक्षय ने उसी साल एक और फिल्म डांसर की। अगले साल 1992 में उनकी 3 फिल्में खिलाड़ी, मिस्टर बॉन्ड और दीदार रिलीज हुई। आगे उन्होंने 1993 में 5 और 1994 में 11 फिल्में दीं। तब से लेकर आज तक अक्षय कुमार सालाना कम से कम 3 फिल्में देते हैं। 32 साल के करियर में अक्षय कुमार 132 फिल्मों में नजर आ चुके हैं।