सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: परी बिश्नोई, जिन्होंने बिश्नोई समाज की पहली महिला IAS अधिकारी बनकर इतिहास रचा, आज देशभर में महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं। राजस्थान के बीकानेर जिले के छोटे से गांव काकरा से निकलकर परी ने अपनी मेहनत और संकल्प के दम पर यह मुकाम हासिल किया है।

IAS बनने का सफर
12वीं कक्षा में ही परी ने IAS अधिकारी बनने का संकल्प लिया था। UPSC की परीक्षा में दो बार असफल होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 30 के साथ सफल हुईं। मात्र 23 साल की उम्र में उन्होंने यह इतिहास रच दिया। आज परी हरियाणा में IAS अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं।

व्यक्तिगत जीवन
पिछले साल परी की शादी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल बिश्नोई के पोते भव्य बिश्नोई से हुई। अपने शानदार करियर और व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ, परी सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव हैं। उनके इंस्टाग्राम पर 2 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, जहां वह अपनी यात्रा और प्रेरणादायक कहानियां साझा करती हैं।

समाज के लिए प्रेरणा
परी बिश्नोई की यह यात्रा उन सभी के लिए प्रेरणा है, जो अपने जीवन में बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए लगातार मेहनत करते हैं। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत, धैर्य और समर्पण से कुछ भी हासिल किया जा सकता है।