सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्कआईटीडीसी इंडिया ईप्रेस / आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : मशहूर गजल गायक पंकज उधास आज पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे। शाम 3 से 5 बजे के बीच मुंबई के वर्ली स्थित हिन्दू क्रिमेटोरियम में उनका अंतिम संस्कार होगा। मंगलवार सुबह उनका पार्थिव शरीर मुंबई में उनके घर पर लाया गया। बीते सोमवार को उनका 72 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी नायाब उधास ने सोशल मीडिया पर दी।

फेमस तबला वादक जाकिर हुसैन दोस्त पंकज उधास के अंतिम यात्रा में शामिल हुए।

पंकज को अंतिम विदाई देने पहुंचीं एक्ट्रेस विद्या बालन।

मंगलवार सुबह पंकज उधास का पार्थिव शरीर मुंबई में उनके घर पर लाया गया था।

पंकज की बेटी रीवा उधास पिता को अंतिम विदाई देने पहुंचीं।

पंकज के कुछ अन्य फैमिली मेंबर्स भी घर के बाहर नजर आए।

गजल सिंगर जैज़िम शर्मा ने दैनिक भास्कर को बताया कि वे पैंक्रियाज कैंसर से जूझ रहे थे। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 10 दिन पहले मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। जहां सोमवार सुबह 11 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। पंकज के परिवार में पत्नी फरीदा और दो बेटियां नायाब और रेवा हैं।

गुजरात के जमींदार परिवार में जन्मे थे

पंकज उधास का जन्म 17 मई 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। उनका परिवार राजकोट के पास चरखाड़ी कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार और भावनगर के दीवान थे। उनके पिता केशुभाई सरकारी कर्मचारी थे। पिता को इसराज (एक वाद्य यंत्र) बजाने और मां जीतूबेन को गाने का शौक था। इसके चलते पंकज उधास समेत उनके दोनों भाइयों का रुझान संगीत की तरफ हुआ।

स्कूल में पहले गाने के 51 रुपए मिले थे

पंकज ने कभी नहीं सोचा था कि वे सिंगिंग में करियर बनाएंगे। उन दिनों भारत-चीन युद्ध चल रहा था। इसी दौरान लता मंगेशकर का ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ गाना रिलीज हुआ। पंकज ने ऐ मेरे वतन के लोगों गया। उनके गीत से लोगों की आंखें नम हो गईं। सुनने वालों में से एक आदमी ने इनाम में उन्हें 51 रुपए दिए। यह गाने के बदले उनकी पहली कमाई थी।

संगीत एकेडमी से पढ़ाई की

पंकज के दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम थे। स्कूल में पंकज के बेहतरीन परफॉर्मेंस के बाद उनके पेरेंट्स को लगा कि पंकज भी अपने भाइयों की तरह म्यूजिक फील्ड में कुछ बेहतर कर सकते हैं। इसके बाद उनका एडमिशन राजकोट की संगीत एकेडमी में कराया गया।

काम नहीं मिला तो विदेश गए

पढ़ाई के बाद पंकज कई बड़े स्टेज शो पर परफॉर्मेंस देते थे। वे बॉलीवुड में जगह बनाना चाहते थे। उन्होंने 4 साल संघर्ष किया, लेकिन कोई बड़ा काम नहीं मिला। उन्होंने फिल्म कामना में अपने एक गाने को आवाज दी, वो फिल्म भी फ्लॉप हो गई। इसके बाद उन्होंने विदेश में बसने का फैसला कर लिया था।