सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद आरोपों से घिरा पाकिस्तान विदेशी मीडिया की शरण में पहुंचा है। इस बहाने अपनी पुरानी आदत के अनुसार, भारत के खिलाफ राग अलाप रहा है। मुल्क के रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए इंटरव्यू में भारत पर तमाम आरोप लगाते हुए पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय जांच कराने की मांग की है।

डॉन अखबार की रिपोर्ट में ख्वाजा के इस इंटरव्यू की चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में 26 लोग मारे गए।इनमें से ज्यादातर पर्यटक थे। वर्ष 2000 के बाद यह सबसे घातक सशस्त्र हमला है। हमले की जिम्मेदारी कथित तौर पर द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। हमले के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई तरह के कदम उठाए हैं। भारत ने सिंधु जल संधि को स्थगित करने की घोषणा की है। पाकिस्तान ने शिमला समझौते को स्थगित कर भारतीय उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।

आसिफ ने शुक्रवार को द न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की किसी भी जांच में “सहयोग करने के लिए तैयार है। पहलगाम में हुई घटना से भारत को सिंधु जल संधि को निलंबित करने का बहाना मिल गया है। आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहता कि जल ‘युद्ध’ भड़के। आसिफ ने सफाई दी कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा निष्क्रिय हो चुका है। उसके पास पाकिस्तान से हमले की योजना बनाने या उसे अंजाम देने की कोई क्षमता नहीं है। लश्कर के लोगों में से कुछ को घरों में नजरबंद कर दिया गया है और कुछ को हिरासत में लिया गया है।

आसिफ ने इंटरव्यू में दुनिया को यह बताने की कोशिश की है कि यह हमला भारत सरकार ने ही कराया। पिछले एक दशक से भारत इस संधि से बाहर निकलने की कोशिश करता रहा है। इस हमले के बहाने उसे अब मौका मिल गया है। स्काई न्यूज के साथ एक अलग साक्षात्कार में रक्षामंत्री आसिफ चेतावनी दे चुके हैं अगर भारत ने पाकिस्तान पर हमला किया तो युद्ध छिड़ सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया को इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सैन्य संघर्ष की संभावना से चिंतित होना चाहिए।

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